• October 3, 2025
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी – केदारनाथ में पीएम ने 400 करोड़ रुपये से अधिक की पुनर्निर्माण परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया

खबरी इंडिया, केदारनाथ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच केदारनाथ धाम पहुंचे। यहां पहुंचकर उन्होंने विकास कार्यों का जायजा लिया। पीएम ने करीब 18 मिनट तक गर्भगृह में पूजा-अर्चना की। फिर उन्होंने आदि गुरु शंकराचार्य की 12 फीट लंबी प्रतिमा का अनावरण किया। इसके बाद पीएम ने 400 करोड़ रुपये से अधिक की पुनर्निर्माण परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करने के बाद देश को संबोधित किया।

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प्रधानमंत्री ने कहा कि दीपावली के अवसर पर कल मैं अपने सैनिकों के साथ था। आज मैं सैनिकों की भूमि पर हूं। केदारनाथ में आई त्रासदी को याद करते हुए पीएम भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि आपदा के बाद लोगों को लग रहा था कि क्या उनका केदार कभी फिर से खड़ा हो पाएगा। पर मुझे विश्वास था कि केदारनाथ पूरी आन-बान-शान के साथ खड़ा होगा। मैं बारीकी से यहां के विकास कार्यों पर नजर रखता हूं। पीएम ने कहा कि आज अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है। सदियों बाद अयोध्या को उसका गौरव वापस मिल रहा है। उन्होंने कहा कि आज समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं। अपने संबोधन में पीएम ने कहा कि पहले कहावत थी कि पहाड़ का पानी और उसकी जवानी पहाड़ के काम नहीं आती है। मैंने इसे बदलने की कोशिश की है। हम पलायन को रोकने का प्रयास कर रहे हैं। हमने वन सैनिकों की रैंक वन पेंशन की मांग को पूरा किया है। उन्होंने कहा कि आने वाला दशक उत्तराखंड का है। बीते सौ साल में जितने श्रद्धालु उत्तराखंड नहीं आए वे अगले दस सालों में आएंगे। इसके अलावा उन्होंने पहाड़ों पर टीकाकरण के लिए सीएम पुष्कर धामी की सराहना की।

केदारनाथ live

Fri, 05 Nov 2021 11:06 AM IST

चारों धाम हाइवेज से जुड़ रहे हैं

पीएम मोदी ने कहा कि मेरे शब्द उत्तराखंड के लोग लिख लें- उत्तराखंड में जिस तेज गति से इंफ्रास्ट्रक्चर बन रहा है, पिछले 100 वर्ष में जितने यात्री यहां आए हैं, आने वाले 10 वर्ष में उससे भी ज्यादा यात्री यहां आने वाले हैं। चारधाम सड़क परियोजना पर तेजी से काम हो रहा है, चारों धाम हाइवेज से जुड़ रहे हैं। भविष्य में यहां केदारनाथ जी तक श्रद्धालु केबल कार के जरिए आ सकें, इससे जुड़ी प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। यहां पास में ही पवित्र हेमकुंड साहिब जी भी हैं। हेमकुंड साहिब जी के दर्शन आसान हों, इसके लिए वहां भी रोप-वे बनाने की तैयारी है।

अब पहाड़ का पानी और जवानी पहाड़ के काम आएगी

आनेवाला दशक उत्तराखंड का होने वाला है। पहले कहावत थी कि पहाड़ का पानी और उसकी जवानी कभी पहाड़ के काम नहीं आती। मैंने इसे बदला है। अब पहाड़ का पानी और उसकी जवानी पहाड़ के काम आएगी। पलायन रुकने वाला है। हमारे साथ बाबा केदार का आशीर्वाद है। चार धाम यात्रा के रिकॉर्ड टूट रहे हैं। हमने वन रैंक वन पेंशन की पिछली शताब्दी की मांग को इस शताब्दी में पूरा किया। मुझे खुशी है कि मुझे सैनिकों की सेवा करने का मौका मिला। इसका लाभ उत्तराखंड के हजारों परिवार को मिला है।

हम विकास के महायज्ञ से पूरी ताकत से जुड़े हैं

राष्ट्रीय एकता की ताकत को बढ़ाने वाला, एक भारत श्रेष्ठ भारत का भव्य दर्शन, सहज जीवन व्यवस्था का हिस्सा था। हम विकास के महायज्ञ से पूरी ताकत से जुड़े हैं। इस समय हमारा देश आजादी का अमृत महोत्सव भी मना रहा है। देश अपने भविष्य के लिए, अपने पुनर्निर्माण के लिए नए संकल्प ले रहा है। अमृत महोत्सव के इन संकल्पों में से आदि शंकराचार्य जी को हम एक प्रकार से बहुत बड़ी प्रेरणा के रूप में देख सकते हैं।

समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना भारत को मंजूर नहीं

पीएम मोदी ने कहा कि आज हम काम का समय नहीं उसकी सीमा भी निर्धारित करते हैं। कुछ लोग कहते हैं इतने कम समय में यह कैसे होगा। यह होगा भी या नहीं। तब मेरे भीतर एक ही आवाज आती है, मुझे 130 करोड़ देशवासियों की आवाज सुनाई देती है, समय के दायरे में बंधकर भयभीत होना अब भारत को मंजूर नहीं। कई विभूतियों ने छोटे काल में कई युगों को गढ़ा। देश पुर्निर्माण के संकल्पों से आगे बढ़ रहा है।

सदियों बाद अयोध्या को उसका गौरव वापस मिल रहा है

आज अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर बड़े ही गौरव के साथ बन रहा है। अयोध्या को सदियों बाद उसका गौरव वापस मिल रहा है। भारत की प्राचीन सांस्कृति र्वरूप कैसा रहा होगा इसकी हम आज कल्पना कर रहे हैं। यूपी में काशी के कायाकल्प का काम हो रहा है। भारत राम से जुड़े जितने भी तीर्थस्थान हैं उन्हें जोड़कर सर्किट बनाने का काम चल रहा है।

आदि शंकराचार्य ने भारतीय परंपरा में प्राण फूंके

आदि शंकराचार्य ने भारतीय परंपरा में प्राण फूंके। मठों ने पीढ़ी दर पीढ़ी हमारा मार्गदर्शन किया है। आज के समय पर आदि शंकराचार्य का ज्ञान ज्यादा प्रासंगिक है। शंकराचार्य ने जीवंत परंपरा खड़ी की। तीर्थाटन भारत की जीवंत परंपरा है। बाबा केदार के दर्शन करके हर श्रद्धालु एक नई ऊर्जा लेकर जाता है। 

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