संत रविदास जयंती के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के करोलबाग में श्री गुरु रविदास विश्राम धाम मंदिर में पूजा अर्चना की. इसके बाद पीएम मोदी ने मंदिर परिसर में मौजूद महिलाओं के साथ भजन कीर्तन किया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. । इस दौरान प्रधानमंत्री ने मंदिर में आए श्रद्धालुओं से बातचीत की और वहां महिलाओं संग बैठकर ‘शब्द कीर्तन’ में भी हिस्सा लिया और मंजीरा बजाते दिखे।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi takes part in 'Shabad Kirtan' at Shri Guru Ravidas Vishram Dham Mandir in Delhi's Karol Bagh on the occasion of Ravidas Jayanti
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— ANI (@ANI) February 16, 2022
जयंती पर नेताओं का जमावड़ा
उत्तर प्रदेश में भी कई बड़े नेता रविदास जयंती के मौके पर उनकी जन्मस्थली पहुंच रहे हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी बुधवार को वाराणसी के सीरगोवर्धनपुर स्थित संत रविदास महाराज की जन्मस्थली पर पहुंच रहे हैं। उन्होंने संत रविदास महाराज के मंदिर में मत्था टेका। मुख्यमंत्री योगी भी सुबह 10 बजे रविदास मंदिर पहुंचे। दोपहर को राहुल-प्रियंका गांधी भी पहुंच रहे हैं।
पंजाब के वोटर्स को लुभाने की कोशिश
चुनाव से पहले दलित समुदाय के वोटर्स को लुभाने के लिए सभी दलों के प्रमुख नेता रविदास जयंती पर रविदास आश्रम पहुंच रहे हैं। पंजाब में संत रविदास के अनुयायी बड़ी संख्या में हैं। 16 फरवरी को रविदास जयंती के मौके पर पंजाब से लोग वाराणसी जाते हैं। यहीं के सीरगोवर्धन गांव में संत रविदास का जन्म हुआ था। उनकी जयंती पर हर साल समारोह होता है।
रविदास जयंती के कारण बदली चुनाव की तारीख
पंजाब में चुनाव पहले 14 फरवरी को होने थे, लेकिन रविदास जयंती पर लोग वाराणसी चले जाते हैं, इसलिए लोग वोट डालने नहीं आते, जिसके चलते चुनाव की तारीख बढ़ा दी गई। अब यहां 20 फरवरी को वोटिंग होगी।
रविदास जयंती पर वाराणसी के मंदिर पहुंचे Priyanka Gandhi और Rahul Gandhi, पंगत में बैठकर खाया लंगर
Priyanka Gandhi and Rahul Gandhi At Sant Ravidas Mandir: देश में आज संत गुरु रविदास जी की जयंती (Sant Ravidas Jayanti) मनाई जा रही है. इस खास दिन पर और यूपी में चुनाव के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा आज प्रदेस के वाराणसी में रविदास मंदिर पहुंचे. यहां भाई-बहन की जोड़ी ने अपने हाथों से ‘लंगर (सामुदायिक रसोई)’ परोसा.
भाई-बहन की जोड़ी ने पात में बैठकर लंगर का प्रसाद भी ग्रहण किया, वहीं राहुल गांधी ने ट्विटर पर लंगर की वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ‘स्नेह का लंगर’
बता दें कि चुनावी माहौल के बीच कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और राहुल गांधी आज संत रविदास की जयंती पर आयोजित भव्य समागम में हिस्सा लेने के लिए काशी के क्षीर गोवर्धन मंदिर में स्थित रविदास मंदिर में पहुंचे थे.
मन चंगा तो कठौती में गंगा’ का संदेश देने वाले संत श्री गुरु रविदास की जयंती पर वाराणसी स्थित सीरगोवर्धनपुर में उनकी जन्मस्थली पर सियासी दिग्गजों का जमावड़ा लगा है। पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी, सीएम योगी आदित्यनाथ के बाद कांग्रेस नेता राहुल और प्रियंका गांधी भी सीरगोवर्धनपुर स्थित रविदास मंदिर पहुंचे। सभी नेताओं ने दर्शन करके मत्था टेका और लंगर छका। इसके अलावा, आप सांसद संजय सिंह और आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद भी पहुंचे।
राहुल ने लंगर में प्रसाद बांटा
राहुल-प्रियंका सुबह दिल्ली से बाबतपुर एयरपोर्ट पहुंचे। फिर सीरगोवर्धनपुर स्थित रविदास मंदिर पहुंचे। वहां सबसे पहले उन्होंने मंदिर में पूजा की। उसके बाद अमृतवाणी सुनी। दोनों ने लंगर भी छका। राहुल ने कुछ देर सेवा की। लंगर में प्रसाद भी बांटा।
वहीं, प्रियंका ने कहा कि मैं हर साल यहां आती हूं। इस साल और भी अच्छा लगा। क्योंकि मेरे साथ भैया भी आए हैं। हम यहां श्रद्धा के लिए आए हैं। सभी को शुभकामनाएं…! राहुल ने संत गुरु रविदास को नमन करते हुए ट्वीट किया- जाति-जाति में जाति हैं जो केतन के पात, रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात।
करीब एक घंटा मंदिर में रुके सीएम
इससे पहले सीएम योगी आदित्यनाथ सीरगोवर्धनपुर पहुंचे। वह करीब एक घंटे तक वहां रुके। मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद सीएम ने अमृतवाणी सुनी और लंगर छका। योगी ने वहां काफी देर तक साधु-संतों से मुलाकात भी की। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि संत रविदास की उक्ति- मन चंगा तो कठौती में गंगा…आज भी प्रत्येक भारतीय को प्रेरणा देती है।
पंजाब से चन्नी भी पहुंचे
सुबह सबसे पहले पंजाब के सीएम चरणजीत सिंह चन्नी पहुंचे। वह सुबह 7 बजे दरबार पहुंच गए। चन्नी करीब एक घंटे तक वहां रुके। उन्होंने पूजा-पाठ की। इसके बाद अमृतवाणी सुनी। बाद में लंगर का प्रसाद छका और फिर पंजाब के लिए रवाना हुए।
इससे पहले प्रकाशोत्सव पर्व की शुरुआत ध्वजारोहण से हुई। देश भर से रैदासी समाज के लोग सत्संग में पहुंचे। आज शहर के अलग-अलग हिस्सों से सदगुरु महाराज के जीवन पर आधारित झांकियां निकाली गई। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पंजाब से दो ट्रेनों और 200 से ज्यादा चार पहिया वाहनों से रैदासी समाज के लोग सीरगोवर्धनपुर पहुंचे हैं।
आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर भी संत रविदास दरबार पहुंचे। उन्होंने फूल-माला चढ़ाकर हाजिरी लगाई है। चंद्रशेखर अपनी आजाद समाज पार्टी से गोरखपुर में योगी आदित्यनाथ के सामने चुनाव लड़ रहे हैं।
पंजाब में रैदासी समाज के 15 लाख लोग उत्तर प्रदेश और पंजाब में विधानसभा चुनाव होने के कारण संत रविदास महाराज की जयंती इस बार सियासी दिग्गजों के लिए भी महत्वपूर्ण है। पंजाब में रैदासी समाज के 15 लाख से ज्यादा मतदाता हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और देश के अन्य राज्यों में बड़ी संख्या में संत रविदास महाराज के अनुयायी हैं।
1540 में शरीर का किया था त्याग
मन चंगा तो कठौती में गंगा जैसा सहज ज्ञान देने वाले संत रविदास का जन्म संवत 1443 में माघ पूर्णिमा के दिन वाराणसी में हुआ था। बताया जाता है कि जूते बनाने का काम करने वाले संत रविदास ने साधु-संतों की संगत में आध्यात्मिक ज्ञान पाकर कर्म को ही जीवन का मूल मर्म माना था।
संत रविदास ने इस नश्वर शरीर का त्याग 1540 में किया था। आत्मज्ञान, एकता, भाईचारे पर आधारित और जाति प्रथा जैसी कुरीतियों पर प्रहार करते उनके दोहे उनके अनुयायियों के लिए अमृत वचन बन गए। धीरे-धीरे उनके अनुयायी खुद को रविदासिया समुदाय का कहने लगे।
वाराणसी के संत रैदास जन्मस्थली से पंजाब का सीधा नाता है। ऐसे में यूपी हो या पंजाब इन दोनों ही राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दिग्गजों का यहां आना लगा रहता है। वजह भी साफ है, संत रैदास के बड़ी तादाद वाले अनुयायियों को अपने पाले में करना।
दो बार आ चुके हैं प्रधानमंत्री मोदी
सीरगोवर्धनुपर स्थित रविदास मंदिर में नेताओं की आवाजाही की शुरुआत बसपा सुप्रीमो मायावती से शुरू हुई थी। पूर्व राष्ट्रपति डॉ. केआर नारायणन और ज्ञानी जैल सिंह के साथ ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव सहित कई अन्य नेता समय-समय पर आते रहे हैं।
2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की कमान संभाली तो वह इस मंदिर में 2 बार आए। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रियंका गांधी वाड्रा वाराणसी के सीरगोवर्धनपुर पहुंचीं थीं और संत शिरोमणि के चरणों में मत्था टेकने के साथ ही लंगर भी चखा था। साथ ही रैदास समर्थकों को संबोधित भी किया था।