जिस कुएं के पास कार्यक्रम चल रहा था, उसे आरसीसी स्लैब बनाकर बंद किया गया था. रस्म के दौरान बड़ी संख्या में महिलाएं, युवती व बच्चियां कुएं पर बने स्लैब पर जाकर खड़े हो गए. अचानक स्लैब टूट गया और महिलाएं और बच्चियां कुएं में गिर गयीं.
उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कुशीनगर (Kushinagar accident) में बुधवार की रात एक शादी के दौरान दिल दहलाने वाला हादसा हुआ है. इस हादसे में 13 लोगों की मौत ह गई है जिनमें 9 बच्चियां शामिल हैं. मिल रही जानकारी के मुताबिक गांव में शादी समारोह से पहले हल्दी रस्म के दौरान सभी महिलाएं कुएं की जाली पर बैठकर पूजा कर रही थीं, तभी जाली टूट गई और सभी उसमें गिर गईं. मृतक महिलाओं और बच्चियों के परिवारवालों का आरोप है कि हादसा होने के बाद वे लोग करीब डेढ़ घंटे तक सरकारी एंबुलेंस सेवा को मदद के लिए फोन करते रहे लेकिन कोई भी मदद के लिए नहीं पहुंचा. हादसे में मारी गई बच्चियों की उम्र 5 से 15 साल के बीच है. रेस्क्यू जारी है और अंदेशा जताया जा रहा है कि मौत का आंकड़ा बढ़ सकता है.
ग्रामीणों की मदद से पुलिस सभी को बाहर निकाला
इस बीच पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से रेस्क्यू कर सबको बाहर निकाला। इसमें डेढ़ घंटे लग गए और तब तक काफी देर हो चुकी थी। 11 घायलों को जिला अस्पताल लाया गया, जहां उनको मृत घोषित कर दिया गया। इधर कोटवा सीएचसी में भर्ती दो बच्चों ने भी दम तोड़ दिया। सीएमएस डा एसके वर्मा ने बताया कि पांच से 25 वर्ष के नौ लोगों की और दो महिलाओं की मौत हो गई है। अन्य घायलों का इलाज चल रहा है। डीएम एस राजलिंगम व एसपी सचिन्द्र पटेल ने बताया कि इस लोमहर्षक घटना से सभी स्तब्ध हैं। जांच कराई जा रही है कि घटना में लापरवाही कहां और कैसे हुई।
कुछ ही दूर है अस्पताल. लेकिन नहीं आई एंबुलेंस
आरोप है कि डेढ़ घंटे तक एंबुलेंस के लिए फोन मिलाया गया, हर बार जवाब मिलता कि बस आ रही है, लेकिन मौके पर कोई एंबुलेंस नहीं पहुंची. हालांकि पीड़ित परिवारों के मुताबिक उनके कॉल करने के तुरंत बाद सहायता के लिए पुलिस पहुंच गई थी. उन्हीं की तरफ से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया और फिर पुलिस गाड़ी में ही कई घायलों को अस्पताल ले जाया गया. हादसे की सूचना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लोगों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को तत्काल बचाव व राहत कार्य संचालित कराने तथा घायल लोगों का समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए हैं.
लोगों के मुताबिक घटना के बाद गांव के प्रिंस और रविशंकर समेत कई लोगों ने अपनी जान की परवाह नहीं की और अंधेरे के बीच गहरे कुएं में उतर गए. एक-एक करके महिलाओं, युवती व बच्चियों को बाहर निकालना शुरू किया गया. ग्रामीणों के अनुसार पुलिस की मौजूदगी में 23 महिला, युवती और बच्चियों को कुएं से बाहर निकाला गया है.
इन मृतकों की हुई पहचान:
1- पूजा यादव (20) पुत्री बलवंत 2- शशिकला (15) पुत्री मदन 3- आरती (13) पुत्री मदन 4- पूजा चौरसिया (17) पुत्री राम बड़ाई 5- ज्योति चौरसिया(10) राम बड़ाई 6- मीरा (22) पुत्री सुग्रीव 7- ममता (35) पत्नी रमेश 8- शकुंतला (34) पत्नी भोला 9-परी (20) पुत्री राजेश 10- राधिका (20) पुत्री महेश कुशवाहा 11- सुंदरी (9) पुत्री प्रमोद कुशवाहा
इनमें से दो महिलाओं की शिनाख्त नहीं हो पाई है. डीएम ने हादसे में मरने वाले प्रत्येक के परिजन को चार-चार लाख रुपये सहायता राशि दिए जाने की बात कही है. मिली जानकारी के मुतबिक जिस कुएं के पास कार्यक्रम चल रहा था, उसे आरसीसी स्लैब बनाकर बंद किया गया था. रस्म के दौरान बड़ी संख्या में महिला, युवती व बच्चियां कुएं पर बने स्लैब पर जाकर खड़े हो गए. अचानक स्लैब टूट गया और उसपर खड़ी महिला, युवतियां व बच्चियां कुएं में गिर गयीं. कुआं काफी गहरा है और पानी से भरा था.
मुख्यमंत्री ने शोक जताया
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने जनपद कुशीनगर के नेबुआ नौरंगिया थाना क्षेत्र में कुए में गिरने की दुर्घटना में लोगों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंच कर बचाव व राहत कार्य संचालित करने तथा हादसे में घायल लोगों का समुचित उपचार कराने के निर्देश दिए हैं।