गोरखपुर। गोरखपुर विश्वविद्यालय से संबद्ध पांच महाविद्यालयों में वेतन भुगतान, प्राध्यापकों को स्थायित्व किए जाने , संविदा समाप्त करने सहित कई विषयों को लेकर राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से शिकायत की गई थी। राज्यपाल ने मामले को संज्ञान में लेते हुए कमेटी गठन का निर्देश दिया था। महाविद्यालयों की शिकायत के निस्तारण के लिए विश्वविद्यालय ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित की है। कमेटी ने सम्बन्धित प्रकरणों की सुनवाई शुरू कर दी है।
महाराणा प्रताप पीजी कालेज जंगल धूषण, गोरखपुर में प्राध्यापकों को स्थायित्व प्रदान किए जाने के बारे में , शमसुद्दीन अंसारी महिला महाविद्यालय अबूबकरनगर देवरिया के प्राचीन इतिहास के प्रवक्ता डाॅ हरेराम पाठ द्वारा वेतन भुगतान व अन्य मुद्दों पर, आदित्य नारायण क्षितिजेश द्वारा दिग्विजय नाथ एलटी प्रशिक्षण महाविद्यालय गोरखपुर पर संविदा समाप्त करने व वेतन भुगतान, सुधा विश्वबिन्दु द्वारा भवानी प्रसाद महाविद्यालय करीमनगर गोरखपुर में सम्बद्धता की अनियमितता तथा लाल बहादुर द्वारा हिरामन महातम महाविद्यालय महुआडीह देवरिया में संदीप कुमार के बीएड द्वितीय वर्ष में प्रवेश एवं परीक्षा के बारे में राज्यपाल को शिकायत की गई थी।
राज्यपाल सचिवालय ने इन शिकायतों पर गोरखपुर विश्वविद्यालय को कार्यवाही को कहा था। इस पर विश्वविद्यालय के कुलपति ने 31 अगस्त को तीन सदस्यीय कमेटी का गठन कर इन शिकायतों की जांच पर आख्या देने को निर्देश दिया। कमेटी का संयोजक राजनीति विज्ञान विभाग के आचार्य प्रो रजनीकांत पांडेय को बनाया गया है। कमेटी में अंग्रेजी विभाग के आचार्य प्रो जीएच बहेरा और राजनीति विज्ञान विभाग के आचार्य प्रो आरआर महानंदा को सदस्य बनाया गया है। इस कमेटी ने अपनी कार्यवाही शुरू कर दी है। कमेटी शिकायत कर्ताओं और महाविद्यालयों के प्रबंधक/प्राचार्य को को अपना पक्ष रखने के लिए बुला रही है।