• January 2, 2025
 पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से विशेषज्ञों के साथ की आँनलाइन राउंड टेबल कांफ्रेंस

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से आज विशेषज्ञों के साथ ऑनलाइन राउंड टेबल कांफ्रेंस की। उन्होंने कहा कि सितंबर में वायु प्रदूषण बढ़ता है, लेकिन हम तब तक इंतजार नहीं कर सकते। हम पूरे साल वायु प्रदूषण से निपटने के लिए विशेषज्ञों की मदद से दीर्घकालिक कार्य योजना बनाना चाहते हैं। विशेषज्ञों और संगठनों से मिले सुझावों के आधार पर सीएम अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार दीर्घकालिक कार्य योजना बनाएगी। उन्होंने कहा कि केजरीवाल के नेतृत्व में सरकार ने दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई पहलें की हैं। रिपोट्र्स भी बता रहीं हैं कि दिल्ली में वायु प्रदूषण कम हो रहा है, लेकिन हम इतने से संतुष्ट नहीं हैं। हम वायु प्रदूषण में और सुधार करना चाहते हैं।

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दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से आज दिल्ली सचिवालय में दो दिवसीय ऑनलाइन राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस आयोजन किया गया। कान्फ्रेंस का विषय ‘2021 की सर्दियों की शुरुआत से पहले दिल्ली में वायु प्रदूषण कम करने के लिए किए जाने वाले उपाय’ था। कांफ्रेंस में धूल प्रदूषण, वाहन प्रदूषण और इंडस्ट्री से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम को लेकर चर्चा की गई। इस दौरान एनजीओ और विशेषज्ञों ने दिल्ली में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए अपने-अपने सुझाव दिए।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर सरकार द्वारा खासतौर से वायु प्रदूषण को कम करने के लिए बहुत सारे पहल किए जा रहे हैं, जिसमें मुख्य तौर पर दिल्ली के अंदर जो धूल का प्रदूषण है, उस को नियंत्रित करने के लिए पिछले अक्टूबर के महीने से ही दिल्ली सरकार उस पर लगातार अभियान चला रही है। दिल्ली के अंदर जो वाहन प्रदूषण है, उसको नियंत्रित करने के लिए सरकार ने कई सारे पहल किए हैं, जिसमें इलेक्ट्रिक व्हीकल पॉलिसी से लेकर बसों की संख्या बढ़ाना है। साथ ही, हमने तत्कालिक पहल करते हुए रेड लाइट आँन, गाड़ी आँफ अभियान चलाया। इसके अलावा, दिल्ली में बाहर से जो पराली का प्रदूषण आता है, उसके लिए दिल्ली सरकार ने बायो डीकंपोजर का एक सफल प्रयोग किया है। दिल्ली के अंदर जितने बिजली बनाने वाले संयंत्र थे, जो प्रदूषण पैदा करते थे, उनको सरकार ने बंद कर दिया है। प्रदूषण पैदा करने वाले उद्योगों को ईंधन बदल कर उनको प्राकृतिक गैस पर लाने का काम किया गया। दिल्ली सरकार ट्री ट्रांसप्लांटेशन पॉलिसी लेकर आई है। सरकार वृक्षारोपण अभियान के द्वारा दिल्ली में ग्रीन एरिया को बढ़ाने का काम कर रही है। दिल्ली के अंदर विदेशी कीकर का जो क्षेत्र है, उसको कैसे बदला जाए, उसके लिए एक कमेटी बनाकर काम किया जा रहा है।

गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण को कम करने के लिए कई सारे पहल कर रही है। आँनलाइन राउंड टेबल कान्फ्रेंस के माध्यम से हम आगे की दीर्घकालिक कार्य योजना बनाना चाहते हैं। आमतौर पर जब अक्टूबर के महीने से वायु प्रदूषण की स्थिति गंभीर होती है, तब सभी लोग इस पर बात करते हैं, लेकिन अभी तक सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए कई सारे पहल किए हैं। इसके अलावा वायु प्रदूषण के क्षेत्र में काम कर रहे आप सभी लोगों के अनुभव में सरकार को वह कौन की पहल करने की जरूरत है, जिससे हम दिल्ली के अंदर वायु प्रदूषण को और बेहतर कर सकते हैं। दिल्ली के वायु प्रदूषण को कम करने में दिल्ली सरकार आप सभी लोगों का सहयोग चाहती है। दो दिवसीय इस कांफ्रेंस में अगर कुछ ठोस बातें निकल कर आती है, तो हम उसको लेकर आगे की कार्य योजना बनाना चाहते हैं। कोरोना महामारी की जो स्थिति है, वह कब तक नियंत्रित होगी, यह कहना बड़ा मुश्किल है, लेकिन हम चाहते है कि इसके समानांतर एक कार्य योजना बने, जिससे कि हम दिल्ली के वायु प्रदूषण को बेहतर कर पाएं।

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि कई सारी रिपोर्ट यह कह रही हैं कि आप सभी के सुझावों और प्रयत्नों से दिल्ली के अंदर प्रदूषण स्तर कम हो रहा है, लेकिन इतने से ही संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता है। इसीलिए प्रदूषण को और कम करने के लिए हम कैसे कार्य योजना बनाएं, ताकि बड़े स्तर पर अभियान चला कर इसे लागू कर सकें, जिससे कि दिल्ली के लोगों को हम और बेहतर हवा और बेहतर पर्यावरण देने में सफल हो सकें। पर्यावरण मंत्री ने सभी विशेषज्ञों से इस संबंध में अपने-अपने सुझाव प्रस्तुत करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आप से मिले सुझावों को लेकर हम आगे की कार्य योजना बनाएंगे। अगर आप बाद में भी लिखित में कोई सुझाव देना चाहते हैं, तो हम उस पर भी चर्चा करेंगे और जरूरत पड़ेगी तो हम आमने-सामने भी मिलेंगे, जिससे कि एक सकारात्मक और प्रभावित कार्य योजना बना सकें। गोपाल राय ने कहा कि आज की कांफ्रेंस में कई विशेषज्ञों ने अपने सुझाव दिए हैं। विशेषज्ञों से प्रजेंटेशन भी मांगा गया है, ताकि उसका अध्ययन किया जा सके। कल भी इस संबंध में आँनलाइन राउंड टेबल काफ्रेंस होगी। इसके बाद हम काफ्रेंस में मिले सुझावों को लेकर आगे बढ़ेंगे।

राउंड टेबल कांफ्रेंस के मुख्य वक्ताओं में सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट के रिसर्च एवं एडवोकेसी की कार्यकारी निदेशक अनुमिता रॉय चौधरी, आईआईटी कानपुर के डॉ मुकेश शर्मा, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के गुफरान बेग, आईएल एंड एफएस के दीपक अग्रवाल, पर्यावरण रक्षा कोष के पार्थ बसु, शिकागो विश्वविद्यालय में ऊर्जा नीति संस्थान के सिद्धार्थ विरमानी, क्लीन योर कलेक्टिव के ब्रिकाश सिंह और रॉकी माउंटेन इंस्टीट्यूट से अक्षिमा घरे शामिल थे।

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