
अदालत गोस्वामी और एआरजी मीडिया की कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है जिसमें उन्होंने मामले में कई राहतें मांगी हैं। याचिकाकर्ताओं ने दावा किया था मुंबई पुलिस की अपराध शाखा के पास उनके खिलाफ कोई सबूत नहीं है लेकिन वह आरोपपत्र में संदिग्ध के तौर पर उनका नाम लेकर जांच को खींच रही है। सोमवार को हुई सुनवाई में उच्च न्यायालय ने पुलिस से कहा कि वह कोई भी मामले में किसी का भी नाम लिए बगैर महीनों तक जांच नहीं कर सकती।
अदालत ने कहा कि रिकॉर्ड में उपलब्ध तथ्यों पर गौर करते हुए पुलिस के पास मामले में गोस्वामी के खिलाफ कुछ भी ठोस नहीं है। पीठ ने कहा, अगर जांच के दौरान आपको कुछ मिलता है और आप याचिकाकर्ता के खिलाफ बलपूर्वक कार्रवाई करना चाहते हैं तो आपको गोस्वामी को 72 घंटे पहले नोटिस देना होगा। अदालत 28 जून को फिर से दलीलों पर सुनवाई करेगी।
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