• January 2, 2025
 डॉ (मेजर) मयंक दीक्षित ने बचाई एक किग्रा वजन के बच्चे की जान

हापुड़ मे पहली बार आरोग्य अस्पताल के डॉ (मेजर) मयंक दीक्षित ने बचाई एक किग्रा वजन के बच्चे की जान
हापुड़। यह बात सुनने में बहुत ही अजीब और दिल में चुभने वाली लगती है कि कैसे कोई बच्चा सिर्फ एक किग्रा वजन का हो सकता है और ऐसे बच्चे की क्या हालत होगी। लोग तो यही कहेंगे कि उसका जिंदा बच पाना मुश्किल है लेकिन हापुड़ में पहली बार एक डॉक्टर ने अपने स्टाफ के साथ मिलकर ऐसी ही एक नन्ही सी जान को बचाने के लिए महीनो तक जी जान लगा दी और अब वह नन्ही सी जान के माता पिता अपनी मुस्कान से उस डॉक्टर को सबसे कीमती शुक्रिया अदा कर रहे है।
बच्ची की जान बचाने के लिए की नामुमकिन कोशिश
जानकारी के मुताबिक हापुड़ के आरोग्य अस्पताल के बाल रोग विसेषज्ञ डॉक्टर मयंक दीक्षित ने पूरे हापुड़ में अब तक के सबसे छोटे और सबसे कम वजन वाले बच्चे की जिंदगी को बचा कर ना सिर्फ एक रिकॉर्ड बना दिया है, बल्कि लाखों लोगों के दिलों को छू लिया है। हापुड़ में मौजूद आशीर्वाद अस्पताल मे 27 अगस्त को डॉक्टर रेनू बंसल ने पिलखुवा निवासी रूचि को नोर्मल डिलीवरी द्वारा एक बच्ची का जन्म कराया था जन्म के समय उस बच्ची की लंबाई सिर्फ 22 सेंटीमीटर और उसका वजन मात्र एक किग्रा था। इस हालत में बच्ची ठीक से सांस भी नहीं ले पा रही थी और उसका शरीर नीला पड़ता जा रहा था। जब बच्ची के मां बाप से लेकर सभी लोग यह मानकर चल रहे थे कि वो जिंदा नहीं बच पाएगी। तब हापुड़ के बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मयंक दीक्षित और उनके सहयोगी वसीम व संदीप ने इस बच्ची की जिंदगी बचाने की नामुमकिन चुनौती को स्वीकार कर लिया।

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 बुके देकर परिजनों ने किया डॉक्टर व स्टाफ का शुक्रिया
इस बच्ची को हापुड़ के आरोग्य अस्पताल के आधुनिक सुविधाओं से युक्त इंटेंसिव केयर यूनिट (नर्सरी) में रखा गया। शुरुआत में ही बच्चे के शरीर से पानी का वाष्पीकरण होने के कारण उसका वजन और कम हो गया। कमजोर शरीर और प्रीमेच्योर होने के कारण उसकी आंतें और पेट दूध पचाने लायक भी नहीं थी। तो इस कंडीशन में उस बच्ची को ग्लूकोज, सभी तरह के प्रोटीन आदि उसकी नसों में डालकर ही शरीर में पहुंचाए गए। महीनों लंबे इस अथक प्रयास के बाद आज इस बच्ची का वजन करीब ढेड़ किलो हो गया है और वो पूरी तरह से हेल्थी है। अब उसे अस्पताल से छुट्टी दी जा रही है। डॉक्टर्स का दावा है कि इससे पहले पूरे हापुड़ में इतने कम वजन वाले बच्चे के जिंदा बचने की कोई भी ऑफिशियल रिपोर्ट मौजूद नहीं है।
फिलहाल अभी यह नन्ही सी जान स्वस्थ हो चुकी है और बच्ची के घरवाले अपनी क्यूट स्माइल से डॉक्टर और अपने स्टाफ के अथक प्रयासों के लिए उन्हें धन्यवाद दे रहे है। अस्पताल के चेयरमैन डाक्टर पराग शर्मा व डॉक्टर सोनल शर्मा ने अस्पताल के इंटेंसिव केयर यूनिट मैं काम रहे स्टाफ को अस्पताल के हित में इसी तरह मेहनत और लगन से हमेशा कार्य करने व अस्पताल का नाम रोशन करने के लिए प्रेरित करते हुए स्टाफ के उज्जवल भविष्य की कामना की
इस मौके पर अस्पताल से डॉ आनंद प्रकाश, नर्सिंग सुप्रिडेंट सिन्टो ,अतुल शर्मा, प्रियंका शर्मा, जस्सी, मनजीत सिंह, आकाश कुमार, नेहा सिंह सहित अस्पताल का स्टाफ मौजूद रहा

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