इस कार्यक्रम का लक्ष्य दिव्यांगजनों को मुख्यधारा में लाकर मेक इन इंडिया आंदोलन को समृद्ध बनाना है
नई दिल्ली : केंद्रीय सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री, डॉ. वीरेंद्र कुमार ने राज्य मंत्री कुमारी प्रतिमा भौमिक और ए. नारायणस्वामी की मौजूदगी में 5वें पूर्वोत्तर भारत पारंपरिक फैशन सप्ताह (एनईआईएफडब्लू) का उद्घाटन वर्चुअल माध्यम से किया। इस उद्घाटन समारोह में अंजलि भावरा, सचिव, दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) भी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर बोलते हुए, केंद्रीय मंत्री डॉ. वीरेंद्र कुमार ने सभी उपस्थित लोगों का स्वागत किया और पूर्वोत्तर के दिव्यांगजनों के लिए इस रचनात्मक कार्यक्रम का आयोजन करने के लिए दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) और इसके राष्ट्रीय संस्थान, एनआईईपीवीडी को बधाई दी। उन्होंने इस दिव्यांगजन आंदोलन को वार्षिक आयोजन बनाने का भी आश्वासन दिया, जिसके माध्यम से पूर्वोत्तर सहित पूरे भारत में स्वदेशी और पारंपरिक कौशल को बढ़ावा दिया जा सके और पूर्वोत्तर के प्रत्येक समुदाय की विरासत को संरक्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अनेक राष्ट्रीय मिशन कार्यक्रमों का सफलतापूर्वक कार्यान्वयन और संचालन किया जा रहा है और देश के नागरिकों को इससे लाभ प्राप्त हो रहा है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार से यह आवश्यक है कि डीईपीडब्ल्यूडी के सभी राष्ट्रीय संस्थान एक मजबूत कड़ी के रूप में कार्य करें और वे अपनी सेवाओं का विस्तार करें जिससे कि दिव्यांगजनों को सभी राष्ट्रीय मिशन कार्यक्रमों का पूरा-पूरा लाभ प्राप्त हो सके जैसे कि समग्र शिक्षा अभियान, राष्ट्रीय बांस मिशन, कौशल विकास आदि।
केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा कि इस प्रकार के आयोजन से निश्चित रूप से उद्यमशीलता के अवसरों को प्रोत्साहन मिलता है और दिव्यांगजनों के लिए रोजगार के नए-नए अवसर उत्पन्न होते हैं। इस कार्यक्रम के दौरान, विभाग के सभी संस्थानों के साथ-साथ, 8 राष्ट्रीय संस्थान, भारतीय पुनर्वास परिषद, राष्ट्रीय न्यास, राष्ट्रीय विकलांग वित्त व विकास निगम और भारतीय कृत्रिम अंग निर्माण निगम भी विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं। दिव्यांगजनों के प्रति समावेशी दृष्टिकोण को अपनाते हुए, इस आयोजन का लक्ष्य पूर्वोत्तर भारत की स्वदेशी संस्कृति और विभिन्न कलाओं को बढ़ावा देना और साथ ही साथ दिव्यांगजनों को मुख्यधारा में लाकर मेक इन इंडिया आंदोलन को समृद्ध बनाना है।
ए. नारायणस्वामी, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री, भारत सरकार ने कहा कि ऐतिहासिक रूप से भारत का पूर्वोत्तर क्षेत्र अपने बेहतरीन कारीगरों के लिए प्रसिद्ध है और उनके पास कपड़ा, हथकरघा और शिल्प उद्योग के लिए बहुत ही उन्नत और बड़े स्तर पर अनौपचारिक कारीगर उद्यमिता उपलब्ध हैं।