-सीएम योगी के विजन अनुसार कोलतार के साथ ही सिगल यूज्ड प्लास्टिक वेस्ट का भी सड़क निर्माण में किया जा रहा है इस्तेमाल
-लोक निर्माण विभाग के आंकड़ों अनुसार प्रदेश में अब तक कुल 813 किमी लंबाई की सड़कों का सुदृढ़ीकरण इसी प्रक्रिया से हुआ है पूर्ण
-प्रदेश में कुल 466 सड़कों का नवीनीकरण सिंगल यूज्ड प्लास्टिक कचरे को ढलाई के तौर पर इस्तेमाल करके किया गया है पूरा
-कचरा निस्तारण के साथ ही टिकाऊ सड़क निर्माण को भी सुनिश्चित कर देश के अन्य राज्यों के समक्ष उदाहरण प्रस्तुत कर रही योगी सरकार
लखनऊ। उत्तर प्रदेश को विकास के नए सोपानों की ओर अग्रसर कर रही योगी सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने के साथ इसके निस्तारण की एक ऐसी प्रक्रिया को काम पर लगाया है जो पूरे देश में मिसाल बन गई है। दरअसल, उत्तर प्रदेश में सीएम योगी के विजन अनुसार सड़कों के निर्माण और सुदृढ़ीकरण के लिए कोलतार के साथ ही सिंगल यूज्ड प्लास्टिक वेस्ट का भी इस्तेमाल बड़े स्तर पर किया जा रहा है और इससे सड़कें कम लागत में तैयार होने के साथ ही बेहद टिकाऊ तरीके से अवस्थित रहती हैं। इतना ही नहीं, इस प्रक्रिया के जरिए सिंगल यूज्ड प्लास्टिक कचरे को उचित तरीके से बिना प्रदूषण निस्तारित किए जाने का मार्ग भी प्रशस्त हो रहा है। इस तरह योगी सरकार की यह पहल एक नहीं कई मायनों में खास है और यही कारण है कि देश-दुनिया में योगी सरकार के इस प्रयास की चर्चा हो रही है। वहीं, लोक निर्माण विभाग के आंकड़ों अनुसार उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने इस प्रक्रिया के जरिए कुल 813 किमी की लंबाई में सड़कों का निर्माण व सुदृढ़ीकरण कराया है। कुल मिलाकर, 466 सड़कों व मार्गों को नवीन तकनीक से प्लास्टिक मार्ग के तौर पर सुदृढ़ करने में मदद मिली है।
औसतन प्रतिदिन एक सड़क व प्रत्येक 3 दिन में एक पुल का हो रहा निर्माण
वैसे, वर्ल्ड बैंक ब्लॉग्स की रिपोर्ट के अनुसार प्लास्टिक से सड़क बनाने के मामले में भारत अग्रणी है और यहां 2500 किलोमीटर से ज्यादा की सड़कें प्लास्टिक से बनी हैं। सड़कों के निर्माण की यह प्रक्रिया अमेरिका समेत दुनिया के 15 देशों में इस्तेमाल में लाई जा रही है और इस लिहाज से उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने अपने कार्यकाल में 813 किमी कुल लंबाई में प्लास्टिक से सड़कों का निर्माण करना इस बात को दर्शाता है भारत में उत्तर प्रदेश ही इस प्रक्रिया के अग्रणी राज्य के तौर पर देखा जाता है। उल्लेखनीय है कि प्लास्टिक सड़कों से इतर भी योगी सरकार तेजी से प्रदेश में रोड कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने और इसके लिए नई अवसंचरनाओं के विकास को प्राथमिकता देती है। लोक निर्माण विभाग के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में औसतन प्रतिदिन एक सड़क व प्रत्येक 3 दिन में एक पुल का निर्माण होता है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में सड़कों पर 567 ब्लैक स्पॉट निस्तारण के लिए 200 करोड़ रुपए प्रावधानित किए गए हैं। प्रदेश में प्रतिदिन 9 किलोमीटर के औसत से चौड़ीकरण व सृदृढ़ीकरण प्रक्रिया को पूर्ण किया जा रहा है जबकि 11 किमी प्रतिदिन के हिसाब से नई सड़कों का निर्माण हो रहा है।
योगी सरकार के कार्यकाल में 27397 किमी ग्रामीण मार्गों का हुआ निर्माण
लोक निर्माण विभाग के आंकड़ों के अनुसार, योगी सरकार के अब तक के कार्यकाल में कुल मिलाकर 27397 किमी के ग्रामीण मार्गों का निर्माण हुआ है। वहीं, मुख्यमंत्री समग्र ग्राम विकास योजना के अंतर्गत ग्रामों व मजरों में कुल 181 मार्ग निर्माण कार्य पूर्ण हुए हैं। वहीं, प्राप्त आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023-24 में अब तक 44382 किमी लंबाई की सड़कों को गड्ढामुक्त तथा 26976 किमी लंबाई के मार्गों की नवीनीकरण की प्रक्रिया पूरी की गई है। इसके अतिरिक्त 224 दीर्घ सेतु कनेक्टिंग रोड समेत 96 रेल सेतुओं का निर्माण अब तक पूरा हो गया तथा इन पर आवागमन भी शुरू हो गया है।