
- हिंदी विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर कमलेश गुप्त का निलंबन रद हो एवं 7 अन्य वरिष्ठ आचार्यों के विरुद्ध की गई कार्यवाही वापस करने की मांग
खबरी इंडिया, गोरखपुर।
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति के तानाशाही एंव असंवेदनशील कार्यशैली के विरूद्ध पिछले तीन दिनों से आमरण अनशन कर रहे प्रख्यात समाजसेवी डॉ संपूर्णानंद मल्ल ने आज ऐलान किया है कि 30 जनवरी 2022 को शहीद दिवस पर महात्मा गांधी के आदर्शों के अनुरूप, विश्वविद्यालय के मुख्य गेट से आमरण अनशन का चौथे दिन का आगाज करूँगा। डॉ मल्ल ने बताया कि मेरा आमरण अनशन इन 4 मांगों के पूरा होने तक जारी रहेगा।
ये हैं मांगे…..
1- हिंदी विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर कमलेश गुप्त का निलंबन रद हो एवं 7 अन्य वरिष्ठ आचार्यों के विरुद्ध की गई कार्यवाही वापस हो ।
2 – कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह को बर्खास्त किया जाय, साथ ही कुलपति के वित्तीय अनियमितताओं की न्यायिक जाँच करायी जाय।
3 – प्रीपीएचडी शोधार्थियों के विरुद्ध की गई समस्त प्रशासनिक करवाई वापस हो एवं उनकी परीक्षा संबंधी समस्त अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित की जाए।
4- विश्वविद्यालयों में कुलपति पद समाप्त कर तीन सदस्यीय वरिष्ठ आचार्यों की परिषद गठित की जाय,जिनका कार्यकाल 3 वर्ष सुनिश्चित किया जाए।
आमरण अनशन के तीसरे दिन डॉ संपूर्णानंद मल्ल ने जिलाधिकारी, गोरखपुर को संबोधित पत्र में कहा कि दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति के तानाशाही प्रवृत्ति, वित्तीय अनियमितता के विरुद्ध मैंने महामहिम कुलाधिपति महोदया को मैंने तीन पत्र प्रेषित किया परंतु उत्तर नहीं मिला। क्या इस लोकतंत्र में मुझे जवाब पाने का भी अधिकार नहीं है? जवाबदेहीहीन इस लोकतंत्र पर कैसे भरोसा करू? क्या राजभवन बहरा है? अंग्रेजों की तरह। बहरे राजभवन को सुनाने के लिए चौथे दिन से अनशन विश्वविद्यालय गेट पर करूंगा। अनशन मृदुता एवं शांति के साथ करूँगा।भगत एवं गांधी की संतान हूँ।सत्य मेरा धर्म है। मेरे लिए मनुष्य अंतिम सत्य है। इसलिए मैं आपसे प्रार्थना करता हूं कि शांति एवं मृदुता के जिस रास्ते चलकर में आमरण अनशन कर रहा हूं वही व्यवहार शासन प्रशासन मेरे अनशन के साथ अपनाए ।यदि सत्ता ने मेरे आमरण अनशन के साथ बल प्रयोग किया तो प्राण त्याग के लिए बाध्य होऊंगा।
मनुष्य होने के नाते मैं सदा आपके साथ हूं। आपसे मैंने अपने परिवार की मजबूत सुरक्षा के लिए निवेदन किया था क्योंकि मुझे पंथान्थो, मंदिर-मस्जिद मूर्तियों के लिए भारत को लकवाग्रस्त करने एवं जातीयजहर घोलने वाली ताकतों से भय है।
डॉ संपूर्णानंद मल्ल के समर्थन में
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष,प्रो चितरंजन मिश्र, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय मानदेय शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ दुर्गा प्रसाद यादव, राजीव गांधी स्टडी सर्किल के जिला समन्वयक डॉ प्रमोद कुमार शुक्ला, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष अमन यादव, श्रवण निराला ,अध्यक्ष अम्बेडकर जनमोर्चा, सीमा गौतम ,प्रातीय प्रभारी ,विजय शंकर दूबे, सुनीता सत्यप्रकाश, अधिवक्ता अमित विक्रम वर्मा, डॉ चतुरानन मिश्र, ने अपनी सहभागिता प्रदर्शित की है।
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