डेल्टा वेरिएंट ओमिक्रॉन से पहले आया था, यदि आप भारत के आंकड़ों को देख रहे हैं तो जब डेल्टा वेरिएंट फैलना शुरू हुआ तब शायद ही हमारे पास कोई टीका कवरेज उपलब्ध था. लेकिन अभी ओमिक्रॉन बहुत तेजी से फैल रहा है और इसके बावजूद टीका ले चुके व्यक्तियों में इसके अच्छे परिणाम देखे जा रहे हैं.
दुनिया भर में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच एक राहत की खबर सामने आई है। अमेरिकी हेल्थ एजेंसी सेंटर्स फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के अनुसार, ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा के मुकाबले 91% कम जानलेवा है। इसका मतलब, ओमिक्रॉन से मौतें तो होंगी, लेकिन डेल्टा की तुलना में 91% कम। फिलहाल अमेरिका में कोरोना के 90% मामले ओमिक्रॉन के हैं।
50% ओमिक्रॉन मरीजों को ही पड़ती है हॉस्पिटलाइज होने की जरूरत
CDC के वैज्ञानिकों ने कैलिफोर्निया के 70,000 कोरोना मरीजों के डेटा को एनालाइज किया। इसमें 52,257 ओमिक्रॉन मरीजों और 16,982 डेल्टा मरीजों को शामिल किया गया। रिसर्च में पाया गया कि केवल 50% ओमिक्रॉन मरीजों को ही हॉस्पिटलाइज होने की जरूरत पड़ सकती है। साथ ही, 25% मरीजों को ही ज्यादा देख-रेख की जरूरत होती है।
स्टडी में ये भी पाया गया की ओमिक्रॉन के दौरान लोगों के अस्पताल में भर्ती रहने की अवधी भी घटी है। डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन के मरीजों ने अस्पताल में 70% कम समय बिताया। वे औसतन 1.5 दिन ही भर्ती रहे। डेल्टा की लहर के दौरान मरीजों को औसतन 5 दिन हॉस्पिटलाइज होना पड़ता था।
रिसर्च में शामिल ओमिक्रॉन का एक भी मरीज ऐसा नहीं था, जिसे वैंटिलेटर लगाने की नौबत आई हो। वहीं डेल्टा के 11 मरीजों को वैंटिलेटर की जरूरत पड़ी। डेटा के अनुसार, डेल्टा वैरिएंट से पीड़ित 14 मरीजों ने अपनी जान गवाई। वहीं ओमिक्रॉन ने केवल एक व्यक्ति की जान ली। ये डेल्टा के मुकाबले 91% कम था।
ओमिक्रॉन की लहर में हो रही मौतें भी डेल्टा की देन
CDC डायरेक्टर रोशेल वालेंस्की का दावा है कि ओमिक्रॉन की लहर के वक्त भी जो मौतें देखी जा रही हैं, उनमें से अधिकतर डेल्टा के कारण हो रही हैं। उनकी मानें तो वैक्सीनेशन के बाद हो रहे कोरोना संक्रमण के पीछे ओमिक्रॉन का हाथ है। हालांकि इन मामलों में इन्फेक्शन गंभीर नहीं हैं।
ओमिक्रॉन से लगभग हर इंसान होगा संक्रमित
अमेरिका के टॉप डॉक्टर एंथनी फौसी ने हाल ही में दावा किया था कि ओमिक्रॉन से लगभग हर इंसान संक्रमित होगा। कोरोना वायरस का यह वैरिएंट भले ही माइल्ड है, लेकिन इसकी रफ्तार अब बेकाबू हो चुकी है।