केजरीवाल सरकार द्वारा दिल्ली जल बोर्ड में किए गए 26 हजार करोड़ रुपये के घोटाले के खिलाफ भाजपा कार्यकर्ताओं ने कनाट प्लेस में विशाल मानव श्रृंखला बनाई। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता के नेतृत्व में इस मानव श्रृंखला में भाजपा के हज़ारों कार्यकर्ताओं ने महिला, युवा और बुजुर्गों के साथ मिलकर केजरीवाल सरकार से 26 हजार करोड़ का हिसाब मांगा है। इस दौरान भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय सचिव एवं दिल्ली की सह-प्रभारी डॉक्टर अलका गुर्जर और पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने भी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया।
आदेश गुप्ता ने कहा कि पिछले 5 सालों में आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली जल बोर्ड को खोखला कर दिया है और उसमें हर साल घाटा बढ़ता ही जा रहा है। पिछले पांच सालों में केजरीवाल सरकार ने जल बोर्ड को जो रुपये दिया है उसमें से 26 हजार करोड़ रुपये का कोई हिसाब नहीं है। ये दिल्ली के कर दाताओं के रुपये हैं जिन रुपयों को आम आदमी पार्टी अपने राजनैतिक विस्तार में खर्च करने में लगी है। आम आदमी पार्टी पूरी दिल्ली के सामने अब बेनकाब हो चुकी हैं कि उसने किस तरह से दिल्ली जल बोर्ड को अपना सबसे बड़ा भ्रष्टाचार का अड्डा बनाया हुआ है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता विजय गोयल ने कहा कि दिल्ली की सड़कों पर युवा, महिला और बुजुर्ग बड़ी तादाद में अपने भविष्य को बचाने के लिए और केजरीवाल सरकार के अब तक के सबसे बड़े घोटाले का हिसाब मांगने के लिए सड़कों पर आए हैं। दिल्ली में पीने के पानी और सीवरेज की व्यवस्था पहले से ज्यादा बदतर है, लेकिन खर्चा पहले से कई गुणा बढ़ा दिया गया है। आखिर यह पैसा कहां खर्च हो रहा है, इसका जवाब केजरीवाल सरकार को देना होगा।
मानव श्रृंखला के दौरान दिल्ली भाजपा के महामंत्री हर्ष मल्होत्रा, दिनेश प्रताप सिंह, कोषाध्यक्ष विष्णु मित्तल उपाध्यक्ष विरेन्द्र सजदेवा, अशोक गोयल देवराहा, सुनील यादव, जयवीर राणा, करम सिंह कर्मा, मीडिया प्रभारी नवीन कुमार, प्रदेश मंत्री गौरव खारी, सरदार इम्प्रीत सिंह बक्शी, संतोष गोयल, युवा मोर्चा अध्यक्ष वासु रुक्खड़, महिला मोर्चा अध्यक्ष योगिता सिंह, अनुसूचित जाति मोर्चा अध्यक्ष भूपेन्द्र गोठवाल, पूर्वांचल मोर्चा अध्यक्ष कौशल मिश्रा, किसान मोर्चा अध्यक्ष विनोद सहरावत, ओबीसी मोर्चा अध्यक्ष संतोष पाल, प्रदेश प्रवक्ता सतीश गर्ग, विरेन्द्र बब्बर, आदित्य झा, मोहन लाल गिहारा, नीतू डबास, सहित प्रदेश, जिला एवं मंडल के सैकड़ों पदाधिकारी मौजूद थे।