खबरी इंडिया, भुवनेश्वर: सामाजिक-आध्यात्मिक संस्था ‘आनंदम फाउंडेशन’ के स्थापना दिवस के शुभावसर पर 23 जनवरी को गूगल मीट पर एक वेबिनार आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत आनंदम फाउंडेशन की सोशल मीडिया संयोजिका शुभांगी उपाध्याय ने वैदिक मंत्रोच्चारण से की। तत्पश्चात आनंदम फाउंडेशन के अध्यक्ष स्वामी नित्यबोधानंद जी महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि, “आनंदम फाउंडेशन स्वामी विवेकानंद के विचारों को लेकर कार्य करने वाला संगठन है और स्वामी जी के उत्तिष्ठत, जाग्रत, प्राप्य वरान्नीबोधत! इस मूल मंत्र की प्रेरणा से हम निरंतर कार्य को गति प्रदान करते रहेंगे। स्वामी जी का आशीर्वाद हम सब पर बना रहे और सभी राष्ट्र सेवा के कार्य में लगे रहें।”
इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्वामी आर्यानंद जी महाराज (उपाध्यक्ष, रामकृष्ण मठ, भुवनेश्वर) रहे। उन्होंने अपने आशीर्वचन में कहा कि, “स्वामी विवेकानन्द के ओजस्वी वचन न सिर्फ भारत अपितु सम्पूर्ण मानवता हेतु कल्याणकारी हैं। हमें उनकी जीवनी तथा उनके विचारों को अधिक से अधिक पढ़ना चाहिए और अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए।”
इस समारोह के मुख्य वक्ता प्रोफेसर देबी प्रसाद मिश्र जी (निर्देशक, NITTTR)ने अपने वक्तव्य में कहा कि, “पाश्चात्य संस्कृति का अंधानुकरण बंद होना चाहिए। तकनीकी आवश्यक है , किन्तु उसका उपयोग भारतीय परिप्रेक्ष्य में होना चाहिए। माता भूमि पुत्रोहम पृथिव्या – इस वाक्य को लेते हुए विकास का मॉडल होना चाहिए , जिसमें समत्वं योग उच्यते का भाव हो।”
उन्होंने आगे कहा, “सर्वाधिक महत्वपूर्ण बात यह है की मनुष्य को अपने मस्तिष्क में पल रहे प्रदूषित विचारों को दूर करना होगा, जिसका उपाय स्वामी विवेकानंद ने यह कहकर बताया है की पहले मानवता को जागृत करना होगा फिर देवता को।
अंत में संगठन के महासचिव श्री मनोज दास जी ने इस ईश्वरीय कार्य से जुड़ने हेतु आह्वान किया और सभी के सहयोग तथा योगदान से भारत के पुनरुत्थान की बात कही।
कार्यक्रम में शुभांगी उपाध्याय ने गीत की प्रस्तुति दी और श्री अजीत बारीक (कोषाध्यक्ष, आनंदम फाउंडेशन) ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम का संचालन श्री नमन शर्मा (सदस्य, स्थापना दिवस समारोह समिति) ने किया। इस वेबिनार में कुल 54 लोगों की सहभागिता रही।