
नई दिल्ली: शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) ने आज इस्लाम मज़हब छोड़ कर हिंदू धर्म का दामन थाम लिया. उन्होंने उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद स्थित डासना देवी मंदिर में अपना धर्म परिवर्तन किया. डासना मंदिर में पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती ने उन्हें हिंदू धर्म ग्रहण कराया.
बताया जा रहा है कि मज़हब की तबदीली के बाद अब वसीम रिजवी त्यागी बिरादरी से जुड़ेंगे और उनका नाम हरबीर नारायण सिंह त्यागी होगा. वसीम रिजवी (Wasim Rizvi) हिंदू रस्म व रिवाज के मुताबिक, हिंदू धर्म को गले लगाया.
मज़हब तबदील करने के बाद वसीम रिजवी ने कहा कि आज से वह सिर्फ हिंदुत्व के लिए काम करेंगे. उन्होंने कहा कि मुसलमानों का वोट किसी भी सियासी पार्टी को नहीं जाता है. मुसलमान केवल हिंदुत्व के खिलाफ और हिंदुओं को हराने के लिए वोट करता है.
छोटे भाई, बहन और मां के साथ नहीं कोई संबंध”
वसीम रिजवी के भाई ने कहा था कि वसीम रिजवी (Waseem Rizvi) पागल हो गए हैं और अब हमारा उनसे कोई संबंध नहीं है. इतना ही नहीं उन्होंने आगे यह भी कहा कि ना मेरा, ना मेरी बहन का और ना ही मेरी मां का उनसे कोई रिश्ता है. 3 साल पहले ही मेरे उनके रिश्ते खत्म हो चुके हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी मोहल्ले का शख्स यह साबित नहीं कर सकता कि वसीम रिज़वी का मेरे घर पर आना-जाना है या मेरा उनसे कोई ताल्लुक है.
कुरआन की 26 आयतों को दी थी चुनौती
बता दें कि वसीम रिजवी अक्सर इस्लाम मुखालिफ बयानों को लेकर सुर्खियों में बने रहते हैं. उन्होंने हाल ही में मुसलमानों की सबसे मुकद्दस किताब ‘कुरआन’ की 26 आयतों को लेकर दावा किया था कि ये आयतें बाद में कुरआत में जोड़ी गई हैं और ये आयतें समाज में सही पैगाम नहीं देती हैं. इन आयतों को कुरआन पाक से हटाने के लिए वसीम रिजवी (Waseem Rizvi) ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. जहां उन्हें अदालत के सख्त रुख का सामना करना पड़ा और उनपर जुर्माना भी लगाया गया था.
‘मुसलमान सिर्फ हिंदुओं को हराने के लिए करता है वोट’
वसीम रिजवी उर्फ हरबीर नारायण सिंह त्यागी ने कहा कि मुगलों ने हमेशा परंपरा दी हिंदुओं को हराओ। जो पार्टी हिंदुओं को हराती है मुसलमान एकजुट होकरउसे वोट करते हैं। मुसलमान सिर्फ और सिर्फ हिंदुओं को हराने के लिए वोट करता है।
“हिंदू रीति-रिवाज के साथ की जाए मेरा अंतिम संस्कार”
इसके अलावा वसीम रिजवी (Waseem Rizvi) ने कुछ दिल पहले खुद को लेकर एक वसीयत भी जारी की थी. उन्होंने कहा था कि मरने के बाद मुझे दफ्नाया नहीं जाना चाहिए. बल्कि हिंदू रीति-रिवाज के साथ मेरी आखिरी रसूमात अंजाम दी जानी चाहिए. इस दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि यति नरसिंहानंद गिरि जी महाराज उनकी चिता अग्नि देंगे.
परिवार ने तोड़ लिया है नाता
जिस समय वसीम रिजवी ने कुरआन की 26 आयतों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी उस वक्त हिंदुस्तान के हर मुसलमान की आवाज उनके खिलाफ थी. यहां तक कि उनके परिवार के लोग भी उनके साथ नहीं थे. वसीम रिजवी के छोटे भाई जहीर रिजवी ने खुद सोशल मीडिया पर आकर एक बयान जारी किया था. जिसमें उन्होंने वसीम रिजवी को लेकर बड़ी बातें कही थीं.
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