
खबरी इंडिया, गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र विभाग में आयोजित ‘सस्टेनेबल रूरल डेवलपमेंट’ विषयक वैल्यू एडेड कोर्स के पांचवे तथा अन्तिम दिन विभिन्न सत्रों में विभागाध्यक्ष प्रो. संगीता पांडेय, वरिष्ठ मण्डल वित्त प्रबंधक, आगरा डॉ. स्वामी प्रकाश पाण्डेय ने प्रतिभागियों को संबोधित किया।
विभागाध्यक्ष प्रो. पांडेय ने ग्रामीण क्षेत्र अध्ययन में इम्पेरिकल मेथड के उपयोग पर विस्तृत जानकारी दी। साथ ही उन्होंने एस. सी. दुबे के ग्रामीण अध्ययन का उदाहरण भी दिया। उन्होंने सस्टेनेबल डेवलोपमेन्ट के सत्रह लक्ष्यों के सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय पक्ष पर गहन चर्चा तथा विकास के पाश्चात्य मॉडल में संधारणीय बदलाव की बात की।
दूसरे सत्र में आईआरएस डॉ. स्वामी प्रकाश पांडेय ने महराजगंज के चार ब्लॉक में किए गए अध्ययन के आधार पर बताया कि कैसे सस्टेनेबल डेवलपमेंट के मॉडल को ग्रामीण क्षेत्रों में लागू किया जा सकता है जिसमे उन्होंने ने लक्ष्मीपुर सोहगौरा गांव में वेस्ट मैनेजमेंट, निचलौल ब्लॉक में वाटर लॉगिंग जैसी समस्या को अवसर में बदलते हुए मछलीपालन, सिंघाड़ा व मखाने की खेती के द्वारा वहां के लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार, केले की खेती व क्रॉप रोटेशन का प्रयोग आदि उदाहरण दिए। डॉ. पांडेय गोरखपुर समाजशास्त्र विभाग के 2005 बैच के विद्यार्थी रहे हैं।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. पवन कुमार तथा धन्यवाद ज्ञापन शोधार्थी अदिति सिंह ने किया। इस अवसर पर डॉ.मनीष कुमार पांडेय, दीपेंद्र मोहन सिंह, मन्तोष यादव सहित अनेक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।