• January 25, 2025
 Uttar Pradesh Election Date 2022: उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को पहले चरण के तहत किया जाएगा मतदान, 10 मार्च को आएंगे नतीजे

Assembly elections 2022: 15 जनवरी तक रोड शो, बाइक रैली और जुलूस पर रोक, चुनाव आयोग ने कहा- स्थिति देखकर दी जाएगी ढील!

खबरी इंंडिया, उत्‍तर प्रदेश।

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उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में चुनाव आयोजित कराए जाएंगे. इसके तहत 10 फरवरी से 7 मार्च तक वोटिंग की जाएगी. उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे 10 मार्च को आएंगे. चुनाव आयोग के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी को पहले चरण के तहत मतदान किया जाएगा. इसके बाद दूसरे चरण का 14 फरवरी, तीसरे चरण का 20 फरवरी, चौथे चरण का 23 फरवरी, पांचवे चरण का 27 फरवरी, छठे चरण का 3 मार्च और सातवें चरण का 7 मार्च को मतदान होगा.

चुनाव आयोग ने शनिवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते 15 जनवरी तक रोड यात्रा, पदयात्रा, बाइक रैली, साइकिल यात्रा और फिजिकल रैली पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा. इस दौरान कोई भी फिजिकल रैली नहीं हो सकेगी. पार्टियां डिजिटल और वर्चुअल तरीकों से प्रचार कर सकती हैं. वहीं डोर टू डोर कैंपेन के दौरान भी 5 लोगों ही इजाजत दी जाएगी. 15 जनवरी के बाद कोरोना की स्थिति और दिशानिर्देशों के हिसाब से चुनाव आयोग आगे निर्देश देगा.

ECI का काम समय पर चुनाव कराना

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच चुनाव कराए जाने पर आयोग ने कहा कि चुनाव आयोग को संविधान से समय पर चुनाव कराने कि शक्ति मिली है. कोरोना के दौरान यह बहुत ही चुनौतिपूर्ण है और हमें ये देखना है कि कैसे चुनाव कराए जाएं. आयोग का कहना है कि नए दिशानिर्देश कोरोना के मद्देनजर चुनाव के लिए जारी किए जाएंगे. आयोग ने ये भी बताया कि बढ़ते ओमिक्रान मामलों के चलते स्वास्थ्य सचिव, विशेषज्ञों और सरकार के साथ कई बैठकें की गई हैं.

CEC सुशील चंद्रा ने बताया कि संविधान में राज्य सरकार का कार्यकाल पांच साल का है और ये इससे ज्यादा नहीं हो सकता है. ऐसे में चुनाव कराना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है और आयोग का काम समय पर चुनाव कराना है.

यूपी में बढ़ी महिलाओं की चुनावी भागीदारी

प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग ने बताया है कि पांच राज्यों में महिलाओं के भाग लेने में लगातार बढ़त देखी गई है. सबसे ज्यादा उत्तर प्रदेश में महिलाओं की चुनाव में भागीदारी बढ़ी है. महिलाओं के लिए खास तरह के इंतजाम किए जाएंगे. आयोग ने बताया है कि हर विधानसभा में कम से कम एक पोलिंग बूथ ऐसा होगा जो पूरी तरह से महिला कर्मचारियों द्वारा ही संचालित किया जाएगा. CEC सुशील चंद्रा ने बताया कि पांच राज्यों के चुनाव में 18.34 करोड़ मतदाता हिस्सा लेंगे, जिनमें से 8.55 करोड़ महिला मतदाता हैं.

कोरोना के चलते पोलिंग समय एक घंटे बढ़ाया गया

कोरोना के चलते पोलिंग समय को एक घंटे के लिए बढ़ाया गया है. मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ने बताया कि 2 लाख 15 हजार से ज्‍यादा पोलिंग बूथ बनाए गए हैं और कोरोना के खतरे को देखते हुए हर बूथ पर सिर्फ 1250 वोटर ही होंगे.

ECI का काम समय पर चुनाव कराना

कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच चुनाव कराए जाने पर आयोग ने कहा कि चुनाव आयोग को संविधान से समय पर चुनाव कराने कि शक्ति मिली है. कोरोना के दौरान यह बहुत ही चुनौतिपूर्ण है और हमें ये देखना है कि कैसे चुनाव कराए जाएं. आयोग का कहना है कि नए दिशानिर्देश कोरोना के मद्देनजर चुनाव के लिए जारी किए जाएंगे. आयोग ने ये भी बताया कि बढ़ते ओमिक्रान मामलों के चलते स्वास्थ्य सचिव, विशेषज्ञों और सरकार के साथ कई बैठकें की गई हैं. CEC सुशील चंद्रा ने बताया कि संविधान में राज्य सरकार का कार्यकाल पांच साल का है और ये इससे ज्यादा नहीं हो सकता है. ऐसे में चुनाव कराना चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है और आयोग का काम समय पर चुनाव कराना है.

मई में खत्म होगा यूपी विधानसभा का कार्यकाल

उत्तर प्रदेश में मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल मई में खत्म होगा. 2017 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अकेले 312 और उसके सहयोगियों ने 13 सीटें जीती थीं. वहीं 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को 47 सीटों पर जीत मिली थी. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी (BSP) को 19, कांग्रेस को सिर्फ 7 सीटों पर सिमटना पड़ा था.

कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा (Sushil Chandra) ने पिछले हफ्ते लखनऊ में अधिकारियों के साथ चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया था. तीन दिनों के दौरे के बाद चुनाव आयोग ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए समय पर चुनाव कराने का फैसला किया था.

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