
- गिरोह ने उनकी ‘सेवा’ के लिए 2,000 रुपये और 3,000 रुपये लिये।
मुरादाबाद (उत्तर प्रदेश): मुरादाबाद पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने कैदियों के ‘रिश्तेदार’ बनकर उन्हें जमानत दिलाने में मदद की थी। मुरादाबाद पुलिस और क्राइम ब्रांच के विशेष संयुक्त अभियान में गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है।
मुरादाबाद के पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद ने कहा, “यह गिरोह मुरादाबाद में पिछले छह साल से सक्रिय था। गिरोह के सदस्य – सरगना राजेश शर्मा, सईद, लाइक और रोशन जहान – फर्जी दस्तावेजों के साथ स्थानीय पुलिस थानों का दौरा करते थे और कैदियों को उनके रिश्तेदार होने का नाटक करके जमानत पर बाहर निकालते थे।”
गिरोह ने उनकी ‘सेवा’ के लिए 2,000 रुपये और 3,000 रुपये लिये।
सिविल लाइंस अंचल अधिकारी इंदु सिद्धार्थ ने बताया कि पूछताछ के दौरान गिरोह के सदस्यों ने खुलासा किया कि वे पुलिस को बताया करते थे कि कैदियों के परिवार के सदस्य अस्वस्थ होने के कारण नहीं आ सकते।
जिला कलेक्ट्रेट में एक वकील के अधीन काम करने वाले शर्मा ने जेल में ऐसे लोगों की पहचान की, जिनके पास जमानत दिलाने वाला कोई नहीं था, उनसे संपर्क किया और सौदा तय किया। उन्होंने फर्जी आधार कार्ड और अन्य जरूरी दस्तावेज भी बनवाए।
एसपी ने कहा, “गिरोह के पास से तीन फर्जी थाना टिकट और तीन फर्जी आधार कार्ड जब्त किए गए हैं। आरोपी व्यक्तियों पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी), 467 (मूल्यवान की जालसाजी सुरक्षा, वसीयत आदि), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 120 बी (आपराधिक साजिश के लिए सजा) शामिल है। मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई चल रही है।”
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