• March 17, 2025
 UP Election News: जानिए गोरखपुर-बस्ती मंडल में कब होगा मतदान
  • UP Election 2022: जिला प्रशासन भी तैयारियों को अंतिम रूप देने में तेजी से जुट गया है। मतदान के लिए 22,500 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी।
  • UP Election 2022: बीईएल के इंजीनियरों की जांच में सभी ईवीएम और वीवीपैट दुरुस्त मिले हैं। जिले में 7,386 बैलेट यूनिट, 5629 कंट्रोल यूनिट और 5791 वीवीपैट उपलब्ध हैं।

खबरी इंंडिया, गोरखपुर। 

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कोरोना संकट के बीच चुनाव आयोग ने शनिवार को 5 राज्यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया. चुनाव आयोग ने कहा कि सात चरणों में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे. उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में सात चरणों में चुनाव होगा. पहले चरण का चुनाव 10 फरवरी को होगा. पंजाब (Punjab), उत्तराखंड (Uttarakhand) और गोवा (Goa) में एक चरण में चुनाव करवाया जाएगा, इसके लिए 14 फरवरी को वोटिंग होगी. वहीं, मणिपुर (Manipur) में दो चरणों में चुनाव होंगे. पांच राज्यों में सात मार्च को वोटिंग खत्म हो जाएगी और 10 मार्च को मतगणना की जाएगी. 2017 में आयोग ने 4 जनवरी को विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था लेकिन इस बार 4 दिन की देरी से यानी 8 जनवरी को वोटिंग की नई तारीख घोषित की जा रही है.

गोरखपुर मंडल में चुनाव की तारीख

गोरखपुर- 3 मार्च
देवरिया- 3 मार्च
कुशीनगर-3 मार्च
महराजगंज- 3 मार्च

चुनाव में प्रत्याशी ऑनलाइन नॉमिनेशन कर सकेंगे

चुनाव आयोग ने कहा कि आचार संहिता लागू होने के बाद हरेक पहलू पर आयोग कि नजर रहेगी. चाहे वह पोलिंग स्टेशन का संरक्षण हो या फिर निष्पक्ष चुनाव कराना. पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी ऑनलाइन नॉमिनेशन कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि छोटी वोटर गाइड भी मुहैया करायी जाएगी. वोटर को सशक्त आयोग द्वारा विभिन्न पहलों से किया जा रहा है. लोकतंत्र के लिए यह जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा मतदाता चुनाव में मत डाले.

बस्ती मंडल में चुनाव की तारीख

बस्ती-3 मार्च
संतकबीरनगर-3 मार्च
सिद्धार्थनगर-3 मार्च

गोरखपुर में 22,500 कर्मचारियों की लगाई जाएगी ड्यूटी

यूपी विधानसभा चुनाव 2022 की अधिकृत घोषणा हो गई है। लिहाजा, जिला प्रशासन भी तैयारियों को अंतिम रूप देने में तेजी से जुट गया है। मतदान के लिए 22,500 कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जाएगी। हालांकि, वास्तविक जरूरत 18,500 कर्मचारियों की है। इसमें 10 फीसदी अतिरिक्त कर्मचारी भी शामिल हैं। निर्वाचन कार्यालय के मुताबिक, कर्मचारियों के कंप्यूटराइज रैंडमाइजेशन (पारदर्शिता के लिए कंप्यूटर से कर्मचारियों को ड्यूटी आवंटित करना) के लिए जरूरत से करीब 30 फीसदी अधिक कर्मचारी तैनात किए जाते हैं।
इसी तरह जिले के 4,126 बूथ के लिए पर्याप्त संख्या में ईवीएम और वीवीपैट भी मौजूद हैं। सहायक निर्वाचन अधिकारी जगनारायण मौर्य के मुताबिक भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के इंजीनियर सभी की जांच भी कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि जिले में 7,386 बैलेट यूनिट (बीयू) और 5,629 कंट्रोल यूनिट (सीयू) उपलब्ध हैं। इसी तरह 5,791 वीवीपैट मौजूद हैं। प्रत्येक बूथ पर एक-एक बीयू, सीयू और वीवीपैट रखे जाएंगे। जहां प्रत्याशियों की संख्या 15 से अधिक होगी वहां दो बीयू रखे जाएंगे। एक बीयू में 15 प्रत्याशियों के नाम के अलावा एक बटन नोटा का होता है।

 BJP के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न बनीं गोरखपुर मंडल की 22 सीटें

दरअसल, गोरखपुर मंडल में सीटवार मुस्लिम-यादव, निषाद, सैंथवार, ब्राह्मण, पाल व ठाकुर जैसे जातीय समीकरण भी हैं, जो हर एक सीट पर असर दिखाते हैं. वहीं यूपी की राजनीति में ब्राह्मणों का वर्चस्व हमेशा से रहा है. प्रदेश में करीब 13 फीसदी ब्राह्मण आबादी है. कई विधानसभा सीटों पर 20 फीसदी से अधिक वोटर ब्राह्मण हैं. ऐसे में हर पार्टी की नजर इस वोट बैंक पर टिकी है.

सीएम योगी की प्रतिष्ठा
गोरखपुर से 1998 से लेकर पांच बार सांसद रहे सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए गोरखपुर में अपना प्रभाव बनाए रखना उनकी प्रतिष्ठा का प्रश्न है. उनके इसी प्रभाव की वजह से पूर्वांचल की कई सीटों पर भी बीजेपी का दबदबा बना रहा है. लाल ने कहा,” इस विधानसभा चुनाव मे योगी के लिए दबाव और चुनौती दोनों ही ज्यादा हैं क्योंकि वे मुख्यमंत्री भी हैं.” एक तो पिछले चुनाव का प्रदर्शन दोहराना उनसे अपेक्षित होगा, और दूसरे, गोरखपुर मंडल में विपक्षी दल भी अपना प्रभाव जातिगत रूप से बढ़ाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे मे योगी आदित्यनाथ और उनकी सरकार के लिए मजबूत प्रदर्शन करना एक बड़ी चुनौती है.

जानिए जातीय समीकरण
दरअसल, गोरखपुर मंडल में सीटवार मुस्लिम-यादव, निषाद, सैंथवार, ब्राह्मण, पाल व ठाकुर जैसे जातीय समीकरण भी हैं, जो हर एक सीट पर असर दिखाते हैं. वहीं यूपी की राजनीति में ब्राह्मणों का वर्चस्व हमेशा से रहा है. प्रदेश में करीब 13 फीसदी ब्राह्मण आबादी है. कई विधानसभा सीटों पर 20 फीसदी से अधिक वोटर ब्राह्मण हैं. ऐसे में हर पार्टी की नजर इस वोट बैंक पर टिकी है.

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