- यूपी में ईवी को बढ़ावा देने के लिए “यूपीरेव” का गठन
- इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए बुनियादी संरचना एवं बेहतर सेवाएं प्रदान करने के लिए हुआ यूपी रिन्यूवेबिल एंड ईवी इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. का गठन
- उपलब्ध भूमि बैंक, विभिन्न राजमार्गो, राष्ट्रीय हाईवे, शहर एवं अन्य स्थानों पर ईवी चार्जिग इन्फास्ट्रक्चर का विकास और रख रखाव करेगी
लखनऊ। प्रदेश में इलेक्ट्रिकल वाहनों को बढ़ावा देने की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग के लिए बुनियादी संरचना एवं बेहतर सेवाएं प्रदान करने हेतु एक नई कम्पनी यूपी रिन्यूवेबिल एण्ड ईवी इन्फ्रास्ट्रक्चर लि. (यूपीरेव) का गठन किया गया है। यह कम्पनी उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन (यूपीपीसीएल) के नियंत्रणाधीन कार्य करेगी।
प्रस्ताव को सीएम ने दी मंजूरी
यूपीपीसीएल के अध्यक्ष डॉ आशीष कुमार गोयल ने बताया कि प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में लगातार वृद्वि हो रही है। प्रतिवर्ष इसमें लगभग 47 प्रतिशत वृद्वि की सम्भावना है। भारत सरकार भी इलेक्ट्रिक वाहनों को प्रोत्साहित कर रही है। आने वाले वर्षो में इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध हों और जनता को इसके लिए असुविधा न हो। पावर कारपोरेशन के पास पूरे प्रदेश में बडी संख्या में जमीन एवं इलेक्ट्रिक इन्फ्रास्ट्रक्चर मौजूद है। जिसको देखते हुए कारपोरेशन ने सरकार के पास नई कम्पनी के गठन का प्रस्ताव भेजा था। जिसे मुख्यमंत्री जी ने स्वीकृति प्रदान कर दी है। नई कम्पनी प्रदेश की वितरण, पारेषण, तथा उत्पादन कम्पनियों के पास उपलब्ध भूमि बैंक, राज्य के विभिन्न राजमार्गो, राष्ट्रीय हाईवे, शहर एवं अन्य उपयुक्त स्थानों पर इलेक्ट्रिकल व्हीकल चार्जिग इन्फास्ट्रक्चर का विकास और रख रखाव करेगी।
शक्ति भवन होगा मुख्यालय
नाम से गठित इस कम्पनी का उदेश्य ईवी चार्जिग हेतु इन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास कर जनता को चार्जिग सेवा प्रदान करना होगा। कम्पनी उपभोक्ताओं के लिए वाणिज्यिक शुल्क का निर्धारण भी करेगी। इस कम्पनी का गठन कम्पनी अधिनियम 2013 के तहत एक सरकारी कम्पनी के रूप में किया गया है। जोकि उत्तर प्रदेश पावर कापोरेशन लि. की पूर्ण स्वामित्व (100 प्रतिशत) की सहायक कम्पनी होगी। इसका मुख्यालय शक्ति भवन होगा। कारपोरेशन के अध्यक्ष कम्पनी के पदेन अध्यक्ष बनाए गए हैं। पूर्णकालिक प्रबन्ध निदेशक की नियुक्ति उत्तर प्रदेश शासन द्वारा की जाएगी।