
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हुई प्रतियोगिता के विजेता सम्मानित
जिला क्षय रोग अधिकारी ने टीबी और एचआईवी के प्रति जागरूकता की अपील की
खबरी इंडिया, गोरखपुर।
अगर सावधानी न बरती जाए तो टीबी का एक मरीज 15 लोगों को संक्रमित कर सकता है । इसलिए समाज को इस बीमारी के प्रति जागरूक करना होगा । यह बातें जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. रामेश्वर मिश्र ने सीआरडी पीजी कॉलेज में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हुई प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित करते हुए कहीं । उन्होंने टीबी के साथ-साथ एचआईवी के प्रति जनजागरूकता लाने और लोगों को रक्तदान के लिए प्रेरित करने को भी कहा ।
डॉ. मिश्र ने कहा कि टीबी मरीज को घर में भी मॉस्क लगाना चाहिए । मॉस्क का इस्तेमाल कोविड के साथ-साथ टीबी से भी बचाव करता है । अगर किसी में टीबी के लक्षण हैं तो नजदीकी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच करवानी चाहिए। नये टीबी मरीज की पहचान करवाने वाले किसी भी व्यक्ति को भी 500 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है । पाथ संस्था के सलाहार डॉ. नीरज किशोर पांडेय, पीपीएम समन्वयक अभय नाराण मिश्रा, जिला कार्यक्रम समन्वयक धर्मवीर प्रताप सिंह और आफताब बेग ने टीबी और एचआईवी के बारे में जानकारी दी ।
कार्यक्रम के दौरान बीएससी तृतीय वर्ष की छात्रा ममता श्रीवास्तव को प्रथम पुरस्कार, आकीर्ति सिंह को द्वितीय पुरस्कार और नेहा को तृतीय पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया । आयोजन की नोडल अधिकारी और शिक्षिका डॉ. पूजा गुप्ता ने बताया कि प्रतियोगिता में कुल 50 छात्राओं ने प्रतिभाग किया था जिन्हें टीबी, एचआईवी और रक्तदान संबंधित पोस्टर बनाने थे । इस अवसर पर छात्रा श्वेता शर्मा ने रक्तदान पर गीत भी प्रस्तुत किया ।
ऐसे लक्षण मिलें तो हो सकती है टीबी
डॉ. मिश्र ने छात्राओं को बताया कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं । ऐसे में अगर खांसी का मरीज है तो उसके सभी लक्षणों की गहनता से पड़ताल होनी चाहिए और संभावित टीबी मरीज दिखे तो टीबी की जांच अवश्य करवाई जानी चाहिए ।