नई दिल्ली।अंग्रेजी अखबार द हिंदू के अनुसार फैसला सुनाए जाने के बाद शशि थरूर ने कहा, ‘बहुत आभार योर ऑनर. प्रताड़ना के साढ़े सात साल हो गए हैं. मैं इस फैसले की सराहना करता हूं.’ स्पेशल जज जस्टिस गीतांजलि गोयल ने ऑनलाइन माध्यम से सुनवाई करते हुए आदेश पारित किया. थरूर ने जज का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि बीते साढ़े सात साल ‘प्रताड़ना’ में बीते और यह फैसला ‘बड़ी राहत’ लेकर आया है.
पुलिस ने अदालत से भारतीय दंड संहिता की धारा 306 (खुदकुशी के लिए उकसाने) समेत विभन्न इल्ज़ामों में आरोप तय करने का आग्रह किया जबकि थरूर की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील विकास पहवा ने अदालत से कहा कि एसआईटी द्वारा की गई जांच राजनीतिक नेता को उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों से मुक्त करती है.
पुष्कर 17 जनवरी 2014 की रात शहर के एक लग्जरी होटल के एक कमरे में मृत मिली थीं. दंपति होटल में ठहरे हुए थे क्योंकि उस समय थरूर के आधिकारिक बंगले का नवीनीकरण किया जा रहा था. थरूर पर दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए (महिला के पति या पति के रिश्तेदार द्वारा उसपर क्रूरता करना) और धारा 306 के तहत आरोप लगाया गया था, लेकिन इस मामले में कोई गिरफ्तार नहीं की गई थी. उन्हें पांच जुलाई 2018 को जमानत दे दी गई थी.
कितने साल तक की हो सकती थी सजा?
पुष्कर की मौत के बाद थरूर पर मानसिक उत्पीड़न करने और हत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा. इसके बाद दिल्ली पुलिस ने इस मामले में थरूर के खिलाफ मामला दर्ज किया था. इस मामले में पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार का नाम भी सामने आया था.
दिल्ली पुलिस ने जिन धाराओं में कांग्रेस नेता शशि थरूर को आरोपी बनाया था, उनमें दोषी पाए जाने की स्थिति में पूर्व केंद्रीय मंत्री को 3 से 10 साल तक की कैद की सजा हो सकती थी। बता दें कि इस मामले में थरूर मुख्य आरोपी थे. उन पर पत्नी सुनंदा पुष्कर को दहेज के लिए प्रताड़ित करने और आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप।