गोरखपुर दीवानी कचहरी के बाहर पार्किंग क्षेत्र में शुक्रवार को दुष्कर्म के अभियुक्त की हत्या के बाद, सुरक्षा व्यवस्था और सख्त कर दी गई है। अब परिसर में प्रवेश से पहले लोगों को दोहरी जांच से गुजरना होगा।
पहले पार्किंग गेट पर जांच होगी, फिर न्यायालय परिसर में प्रवेश से पहले पड़ने वाले मुख्य द्वार पर जांच-पड़ताल से गुजरना पड़ेगा। इस संबंध में शनिवार को डीएम और एसएसपी ने कचहरी परिसर के निरीक्षण के बाद जिला जज के साथ बैठक की। सुरक्षा की यह व्यवस्था तत्काल प्रभाव से लागू की गई है।
जानकारी के मुताबिक, दीवानी कचहरी के पार्किंग क्षेत्र में हत्या की घटना पर अधिवक्ताओं ने गहरी नाराजगी जताई थी। जिला जज ने सुरक्षा व्यवस्था और बेहतर करने का आदेश दिया था। इसी का नतीजा रहा कि जिलाधिकारी विजय किरन आनंद व एसएसपी विपिन ताडा ने शनिवार को दीवानी कचहरी की सुरक्षा व्यवस्था की जानकारी ली।
परिसर का निरीक्षण किया और देखा कि कहां-कहां खामियां रह गई हैं। साथ ही पूरी जानकारी जिला जज तेज प्रताप तिवारी को दी। इस दौरान तय हुआ कि अब पार्किंग तक जाने से पहले लोगों की जांच की जाएगी। इसके लिए पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगा दी गई है। अभी तक जांच की व्यवस्था नहीं थी। दूसरी तरफ न्यायिक, पुलिस व प्रशासनिक अफसरों के दौरे के समय शनिवार को सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रही। कचहरी परिसर में प्रवेश करने वाले एक-एक व्यक्ति की जांच की गई, फिर अंदर जाने दिया गया।
- दीवानी कचहरी के नए गेट से स्टैंड तक बैरिकेडिंग होगी
- स्टैंड के सामने न्यायालय के नए भवन से पहले चेक पोस्ट बनेगा। यहां जांच के बाद ही किसी को प्रवेश दिया जाएगा।
- दीवानी कचहरी परिसर में प्रवेश के लिए छोटे-बड़े सात रास्ते हैं। मंदिर, मस्जिद और कमिश्नरी के पास के रास्ते को बंद करने की तैयारी है।
- सुरक्षा की दृष्टि से तीन रास्तों से ही कचहरी परिसर में प्रवेश देने का सुझाव है। इसमें कलेक्ट्रेट और कैंट थाने के पास के गेट से वकील और वादकारियों को प्रवेश दिया जाएगा।
- एडीजी दफ्तर के पास स्थित गेट से न्यायिक अधिकारी जा सकेंगे।
कर्मचारियों को जारी होगा पास
कचहरी में प्रवेश के लिए कर्मचारियों को पास जारी किया जाएगा। इसके अलावा अन्य लोगों के इंट्री निर्धारित गेट से कराई जाएगी। जांच के बाद ही अंदर प्रवेश दिया जाएगा।
सुरक्षा के लिए गठित होगी कमेटी
दीवानी कचहरी में पुख्ता सुरक्षा को लेकर एक कमेटी बनेगी। कमेटी में एक न्यायिक अधिकारी, एसपी सिटी, एडीएम सिटी, सीओ कैंट आदि शामिल रहेंगे। यह कमेटी परिसर में सुरक्षा को लेकर रिपोर्ट तैयार कर जिला जज को सौंपेगी। जिला जज के निर्णय के बाद उसको अमल में लाया जाएगा।
सीओ कैंट ने मांगी और फोर्स
वर्तमान में कचहरी में 48 पुलिस वालों की ड्यूटी लगती है। सीओ कैंट ने दीवानी कचहरी की सुरक्षा के लिए और फोर्स की मांग की है। एसएसपी को भेजे पत्र में उन्होंने दो दरोगा, दो हेड कांस्टेबल, चार कांस्टेबल, दो महिला कांस्टेबल की मांग की है।
हत्यारोपी को कोई पछतावा नहीं है। वह बार-बार पुलिस से यही पूछ रहा था कि गोली दिलशाद को ही लगी है ना। उसने पुलिस को बताया कि गोली पीछे से मारी थी, इस वजह से उसे आशंका थी कि किसी और को तो नहीं लग गई। जब कुछ पुलिस वालों से उसे पता चला कि दिलशाद की मौत हो गई है, तब उसने कहा कि अब कोई बात नहीं, जेल हो या फांसी, मेरा परिवार सुरक्षित हो गया है।