
नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बताया कि रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से रूस ने यूक्रेन की स्वास्थ्य सुविधाओं को निशाना बनाकर कुल 72 हमले किए हैं। डब्ल्यूएचओ के सर्विलांस सिस्टम फॉर अटैक ऑन हेल्थकेयर (एसएसए) के अनुसार, यूक्रेन पर 72 हमले हुए, जिसमें 58 जन सुविधाओं को प्रभावित हुआ है और 11 परिवहन, 16 कर्मचारी, 10 मरीज, आठ आपूर्ति और एक गोदाम को भी प्रभावित हुआ है।
एसएसए ने कहा, इन हमलों के परिणामस्वरूप कुल 71 मौतें और 37 लोग घायल हुए थे।
डब्ल्यूएचओ के यूक्रेन देश के प्रतिनिधि जर्नो हैबिच ने बीबीसी को बताया, “हम चिंतित हैं कि यह संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है।”
उन्होंने आगे बताया, “डॉक्टरों और नर्सों दोनों को स्वास्थ्य सुविधाओं को जारी रखना चाहिए, ताकि मरीजों को इलाज के लिए वहां लाया जा सके।”
चूंकि चल रहे रूस-यूक्रेन युद्ध दो राज्यों के बीच एक अंतरराष्ट्रीय सशस्त्र संघर्ष है, जहां जिनेवा कन्वेंशन लागू होते हैं। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद में विस्तारित सम्मेलनों ने नागरिकों और सैन्य कर्मियों के मूल अधिकारों को निर्धारित किया और घायल और बीमारों के लिए सुरक्षा स्थापित की। बीबीसी ने बताया कि 1954 में तत्कालीन सोवियत संघ द्वारा उनकी पुष्टि की गई थी।
कन्वेंशन के अनुच्छेद 18 के तहत, नागरिक अस्पताल “किसी भी परिस्थिति में हमले का उद्देश्य नहीं हो सकते हैं।” नियम के उल्लंघन को लेकर हेग में अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय द्वारा जांच की जा सकती है और यदि युद्ध अपराध पाया जाता है, तो व्यक्तिगत अपराधियों पर मुकदमा चलाया जाएगा और उन्हें दंडित किया जाएगा।
यूक्रेन के एक अस्पताल पर ताजा हमला आठ मार्च को हुआ था।
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