• April 18, 2025
 आरबीएसके के प्रयासों से रोशनी का जीवन हुआ रोशन,  13 वर्षीया छात्रा के हृदय की अलीगढ़ मेडिकल कालेज में सफल सर्जरी
  • आर्थिक तंगी के कारण माता पिता नहीं करवा पा रहे थे इलाज

गोरखपुर, 22 दिसम्बर 2021

08c43bc8-e96b-4f66-a9e1-d7eddc544cc3
345685e0-7355-4d0f-ae5a-080aef6d8bab
5d70d86f-9cf3-4eaf-b04a-05211cf7d3c4
IMG-20240117-WA0007
IMG-20240117-WA0006
IMG-20240117-WA0008
IMG-20240120-WA0039

सरदारनगर के बसडीला स्थित एलपीके इंटर कालेज की छात्रा रोशनी के जीवन में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) ने नयी रोशनी बिखेरने का काम किया है । ह्रदय की बीमारी से ग्रसित इस बच्ची की टीम ने न केवल स्क्रीनिंग की बल्कि जिला स्तर तक फॉलो अप भी करवाया और फिर वहां के अधिकारियों की मदद से अलीगढ़ मेडिकल कालेज में सर्जरी करवाई गयी। बच्ची स्वस्थ है । आर्थिक तंगी के कारण माता-पिता बेहतर इलाज नहीं करवा पा रहे थे ।

रोशनी के मामा दीपक जायसवाल इस समय उसके साथ अलीगढ़ स्थित जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालेज में हैं । उन्होंने बताया कि रोशनी के पिता मनोज आटो चलाते हैं, जबकि माता बबिता गृहिणी हैं । तीन बहनों और एक भाई में रोशनी दूसरे नंबर की बेटी है । बचपन से ही उसका विकास नहीं हो रहा था । चिकित्सकों को दिखाया गया और उस समय इलाज चला फिर बंद हो गया। इस बीच रोशनी को सीढ़ी चढ़ने में परेशानी होने लगी। सीने में दर्द की भी दिक्कत होती थी । इंटर कालेज में आरबीएसके की टीम से डॉ. अरूण कुमार त्रिपाठी, डॉ. हर्ष पांडेय और अमित कुमार बरनवाल ने रोशनी की स्क्रीनिंग कर स्वास्थ्य केंद्र रेफर किया ।

आरबीएसके टीम लीडर डॉ. अरूण कुमार त्रिपाठी ने बताया कि बच्ची को स्वास्थ्य केंद्र पर प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. हरिओम पांडेय को दिखाया गया। जांच में दिल में सुराख की परेशानी सामने आई। प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. पांडेय की मदद से बच्ची को जिला अस्पताल ले जाया गया जहां डॉ. गौरव ने जांच के बाद हायर सेंटर में सर्जरी की सलाह दी । नोडल अधिकारी डॉ. नंद कुमार के दिशा-निर्देशन में आरबीएसके की डीईआईसी मैनेजर डॉ. अर्चना ने पूरी फाइल तैयार करवाई और फिर टीम ने अभिभावकों को बच्ची को अलीगढ़ ले जाकर निःशुल्क सर्जरी की सलाह दी ।

तीन लाख की सर्जरी निःशुल्क

रोशनी की अलीगढ़ में जो निःशुल्क सर्जरी हुई है उसके लिए निजी क्षेत्र में करीब तीन लाख रुपये खर्च हो जाते हैं । इतना खर्च वहन कर पाना उसके अभिभावकों के लिए संभव नहीं था । डॉ. त्रिपाठी बताते हैं कि आने जाने का खर्च अभिभावक को ही वहन करना होता है। इलाज निःशुल्क होता है । रोशनी के अभिभावक उसे 13 दिसम्बर को मेडिकल कालेज लेकर पहुंचे।

दो प्रयासों में सर्जरी

आरबीएसके टीम लीडर डॉ. त्रिपाठी ने बताया कि रोशनी की सर्जरी में पहली बार कामयाबी नहीं मिली, लेकिन दूसरी बार उसकी सर्जरी सफल रही। उसे वेंटीलेटर से हटाया जा चुका है और धीरे-धीरे स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है ।

19 ब्लॉक में कार्य कर रही टीम

नोडल अधिकारी डॉ. नंद कुमार ने बताया कि जिले के सभी 19 ब्लॉक में आरबीएसके टीम कार्य कर रही है । प्रत्येक ब्लॉक में दो टीम काम करती हैं । स्कूल, कालेज, आंगनबाड़ी केंद्रों समेत दिशा-निर्देशों के अनुसार अन्य केंद्रों का भ्रमण कर बीमार बच्चे की स्क्रीनिंग की जाती है और उन्हें निःशुल्क इलाज की सुविधा प्रदान की जाती है ।

Youtube Videos