• April 21, 2025
 कुलपति को हटाने को लेकर प्रो. कमलेश आज से करेंगे सत्याग्रह

● हिन्दी विभाग के आचार्य प्रो. कमलेश ने कुलपति प्रो. राजेश सिंह पर लगाए हैं गंभीर आरोप

08c43bc8-e96b-4f66-a9e1-d7eddc544cc3
345685e0-7355-4d0f-ae5a-080aef6d8bab
5d70d86f-9cf3-4eaf-b04a-05211cf7d3c4
IMG-20240117-WA0007
IMG-20240117-WA0006
IMG-20240117-WA0008
IMG-20240120-WA0039

● 21 दिसम्बर से विवि स्थित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के नीचे शुरू करेंगे सत्याग्रह

● फेसबुक पर लिखा, प्रो. राजेश सिंह का कुलपति पद पर बने रहना विश्वविद्यालय हित में नहीं

गोरखपुर।

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के आचार्य प्रो. कमलेश कुमार गुप्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह को हटाने की मांग को लेकर 21 दिसम्बर से सत्याग्रह करेंगे। सोशल मीडिया फेसबुक पर उन्होंने इसका ऐलान किया है। यदि वे सत्याग्रह पर बैठते हैं तो गोरखपुर विश्वविद्यालय के 64 वर्षों के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, जब कोई वरिष्ठ आचार्य सत्याग्रह पर बैठेगा।

प्रो. कमलेश गुप्त ने फेसबुक पर कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल को संबोधित पत्र लिखा है, उन्होंने लिखा है, मैंने आवश्यक कार्यवाही के लिए कुलपति के खिलाफ शिकायत शपथपत्र और साक्ष्यों सहित आपको 25 अक्तूबर को भेजा था। उसमें विश्वविद्यालय की प्रशासनिक और वित्तीय अनियमितताओं, अधिनियम, परिनियम, अध्यादेशों, शासनादेशों के लगातार उल्लंघन, कुलपति पद में निहित शक्तियों के घोर दुरुपयोग और गैरलोकतांत्रिक कार्यशैली के विरुद्ध आपको संबोधित पत्र में कई बार साक्ष्यों सहित प्रेषित किया।

उस शिकायती पत्र के दृष्टिगत प्रो. राजेश सिंह को विश्वविद्यालय के कुलपति पद से तत्काल हटाने तथा उनके कार्यकाल में हुई विश्वविद्यालय की समस्त आय और व्यय की जांच की मांग करता हूं। जब तक मेरी मांगें पूरी नहीं हो जातीं तब तक मैं अपने विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में अवस्थित दीनदयाल उपाध्याय की प्रतिमा के समक्ष सत्याग्रह करता रहूंगा, क्योंकि प्रो. राजेश का एक दिन भी कुलपति के पद पर बने रहना विश्वविद्यालय और संबद्ध महाविद्यालय परिवार के हित में नहीं है।

शासनादेश की प्रति लगाकर कुलाधिपति सचिवालय को घेरा:

उन्होंने 8 फरवरी 2018 के एक शासनादेश की प्रति भी पोस्ट करते हुए कुलाधिपति सचिवालय को घेरने की कोशिश की है। उस शासनादेश में लिखा है, ऐसी शिकायतें मिलती हैं कि जिस अधिकारी की शिकायत होती है, उसी को उसकी जांच सौंप दी जाती है, जिससे शिकायतों का निस्तारण संभव नहीं हो पाता। किसी भी दशा में शिकायत निस्तारण हेतु संबंधित अधिकारी/कर्मचारी को प्रेषित न की जाए। इसके बाद भी कुलाधिपति सचिवालय द्वारा कुलपति के शिकायत की जांच उन्हें ही सौंप दी गई।

प्रो. कमलेश के आरोपों और सत्याग्रह के सम्बंध में कुलपति प्रो. राजेश सिंह से उनका पक्ष मांगा गया है। उनका पक्ष मिलने पर उसे भी प्रमुखता से प्रकाशित किया जाएगा।

“कोई यदि कुछ भी गंभीर आरोप लगाता है तो इसकी प्रारंभिक जांच कुलाधिपति को कराना चाहिए। तटस्थ जांच नहीं होगी तो सच्चाई क्या है, इसका पता कैसे चलेगा। कुलपति को हटाने के लिए शिक्षक संघ ने पहले आंदोलन किए हैं। किसी शिक्षक ने पहली बार सत्याग्रह की घोषणा की है। विश्वविद्यालय के शिक्षकों को लगता हो कि प्रो. कमलेश गुप्त के आरोपों का कुछ ठोस आधार है तो उन्हें साथ देना चाहिए। यह शिक्षकों के साहस और विवेक का मामला है।”

-प्रो. चितरंजन मिश्र,
अध्यक्ष, उप्र विश्वविद्यालय आवासीय महासंघ

“कुलाधिपति को संबोधित पत्र मैंने फेसबुक पर लिखा है। प्रो. राजेश सिंह को कुलपति पद से हटाए जाने तक मेरा सत्याग्रह जारी रहेगा। वर्तमान परिस्थितियों में विश्वविद्यालय और विश्वविद्यालय परिवार को बचाने का कोई दूसरा रास्ता नहीं है।”

-प्रो. कमलेश कुमार गुप्त, आचार्य, हिन्दी विभाग, डीडीयू

 

Youtube Videos

Related post