
गोरखपुर। भटहट के पिपरी में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के शिलान्यास स्थल पर पहुंचे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सबसे पहले वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमि पूजन कर आधारशिला रखी और इसके बाद मुख मंच से शिलान्यास पट्टिका का बटन दबाकर अनावरण किया। भूमि पूजन कार्यक्रम में उनकी पत्नी व देश की प्रथम महिला सविता कोविंद, राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सांसद रविकिशन, यूपी के आयुष मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्म सिंह सैनी, विधायक महेंद्र पाल भी मौजूद रहे।
महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के शिलान्यास के मौके पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि पूरी दुनिया मे भारत अपनी जिन विशेषताओं के लिए पहचाना जाता है। उनमें यहां जन्मी और विकसित हुई योग परम्परा बहुत महत्वपूर्ण है। महर्षि महायोगी गुरु गोरखनाथ योग एवं योग परम्परा के प्रवर्तक हैं। गुरु गोरखनाथ द्वारा प्रवर्तित योग एवं योग परम्परा की प्राचीन पीठ होने के कारण आज भी गोरखनाथ मंदिर इसका वाहक है। राज्यपाल ने कहा कि आयुष विश्वविद्यालय बन जाने से प्रदेश के 12 अलग-अलग विश्वविद्यालयों से संबद्ध 94 आयुष महाविद्यालयों के छात्रों को पाठ्यक्रम और सत्र नियमन के लिए अब परेशान नहीं होना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक सिद्धान्तों पर आधारित आयुर्वेद विश्व की प्राचीनतम चिकित्सा पद्धति है। आयुर्वेद के प्राचीनतम ग्रन्थों में चरक संहिता, सुश्रुत संहिता और अष्टाङ्ग हृदयम प्रमुख हैं। पूरे विश्व मे आयुष की लोकप्रियता में वृद्धि हो रही है लेकिन प्राचीन व पारम्परिक चिकित्सा पद्धतियों में अंतरराष्ट्रीय मानक के अनुसार शोध हेतु उत्तर प्रदेश में कोई संस्थान नहीं था। अब आयुष विश्वविद्यालय के जरिए ऐसा शोध हो सकेगा।
स्वास्थ्य का मतलब सिर्फ बीमारी से मुक्ति नहीं
राज्यपाल ने कहा कि स्वास्थ्य सिर्फ बीमारी से मुक्ति का अभियान नहीं है। यह आर्थिक, सामाजिक ताने बाने को भी प्रभावित करता है। देश की 70 प्रतिशत आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। जितनी आबादी स्वस्थ होगी, राष्ट्र उतना ही सशक्त होगा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वास्थ्य सुविधा बढ़ाने के साथ ही उन बातों पर भी ध्यान दिया जिससे बीमारी के कारणों पर रोकथाम हो। स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना, सुपोषण मिशन आदि इसके उदाहरण हैं।
राज्यपाल ने गोरखपुर अंचल की विशिष्टता को किया नमन
अपने संबोधन में राज्यपाल ने सबसे पहले गोरखपुर अंचल की विशिष्टता पर प्रकाश डाला और इसे नमन किया। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा अंचल है जिसे भगवान बुद्ध, गुरु गोरखनाथ, संतकबीर, गीता प्रेस के संस्थापक हनुमान प्रसाद पोद्दार और कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद के कर्मक्षेत्र होने का सौभाग्य प्राप्त है। यह विश्व को गणतंत्र देने वाला अंचल है और चौरीचौरा व बिस्मिल जैसे स्वाधीनता के पुण्य प्रतीकों वाला भी अंचल है। उन्होंने उम्मीद जताई कि महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का निर्माण शीघ्रता से पूरा होगा जिससे पूर्वांचल के लोग लाभान्वित हो सकें।
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