निलंबन को लेकर कहा कि यह विश्वविद्यालय का अपना निर्णय है, हमारा सत्याग्रह विश्वविद्यालय बचाने का निर्णय व आंदोलन जारी रहेगा
खबरी इंडिया, गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर के हिंदी विभाग के आचार्य प्रोफ़ेसर कमलेश कुमार गुप्त को मंगलवार को विश्वविद्यालय प्रशासन ने अनुशासन व विभिन्न आरोप लगाकर निलंबित कर दिया था इसके विरोध में देर रात छात्रों ने धरना प्रदर्शन भी किया।
विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा प्रोफेसर कमलेश कुमार गुप्त को किए गए निलंबन पर ढेर सारे राजनीतिक सामाजिक बौद्धिक जगत के लोगों ने निंदा की है और इसे गलत बताया है। आंदोलन हो या कहीं जाना प्रोफेसर कमलेश अपने विद्यार्थियों से मिलना कभी बंद नहीं करते जब कल सत्याग्रह करने विश्वविद्यालय परिसर आ रहे थे उस समय भी वे विद्यार्थियों से रूबरू हुए उनकी कक्षाएं ली फिर अपने समय पर सत्याग्रह स्थल पर आए।
देर शाम उन्हें विश्वविद्यालय प्रशासन निलंबित कर दिया, बावजूद उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से बताया है कि उनका सत्याग्रह जारी रहेगा और आज 2:00 से 3:00 तक विश्वविद्यालय के दीनदयाल उपाध्याय के प्रतिमा के पास पुनः बैठेंगे, साथ ही उन्होंने बताया कि 22 दिसंबर की हिंदी प्रथम सेमेस्टर की उनकी कक्षा दीक्षा भवन परिसर में ना चल कर दीक्षा भवन के सामने बने हेलीपैड पर 10:00 से 11:00 बजे तक चलेगी। प्रोफेसर कमलेश कुमार गुप्त के निलंबन का विरोध चारों तरफ हो रहा है । इसी बीच कुलपति प्रोफेसर राजेश कुमार सिंह विदेश दौरे पर चले गए हैं। प्रोफ़ेसर गुप्त हमेशा से यही सवाल उठाते रहे हैं कि आखिर कुलपति किस को चार्ज देकर जाते हैं,कोई नहीं जानता। उन्होंने निलंबन को लेकर कहा कि यह विश्वविद्यालय का अपना निर्णय है, हमारा सत्याग्रह विश्वविद्यालय बचाने का निर्णय व आंदोलन जारी रहेगा