• December 7, 2024
 प्राथमिक स्कूलों की पुस्तकों का बदला नाम, रंग और रूप

-पहले सभी कक्षाओं में एक ही नाम से हाेती थी पुस्तकें

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गोरखपुर।

प्राथमिक स्कूलों का ही कायाकल्प नहीं हुआ है, बल्कि बच्चों की किताबों का नाम और रूप भी बदल गया है। नाम भी ऐसा जो बच्चों को रास आए और उसी से किताब का परिचय भी मिल जाए। इसी के अनुरूप आवरण की भी विशेष साजसज्जा की गई है।

किताबों का पाठक्रम यथावत है, लेकिन सामग्री में छिटपुट बदलाव हुआ है। यह कदम इसलिए उठाया गया, ताकि बच्चों का किताबों के प्रति रुझान बढ़े। बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूल भले ही अभी नहीं खुले हैं, लेकिन आनलाइन व टेलीविजन के माध्यम से कक्षाएं गर्मी की छुट्टियों से चल रही हैं।

शैक्षिक सत्र 2021-22 के लिए छात्र-छात्राओं का नामांकन भी शुरू है। बच्चों को वितरित की जाने वाली निशुल्क किताबें छपकर आ गई हैं और जिलों के माध्यम से स्कूलों में पहुंचाई जा रही हैं। विभाग ने इसकी जिम्मेदारी शिक्षकों को दी है, ताकि जल्द किताबें मिल जाएं। स्कूलों में पहुंचीं हिंदी और अंग्रेजी दोनों मीडियम की किताबें इस बार नए रूप में हैं। कक्षा दो से लेकर कक्षा आठ तक की किताबों का आवरण और नाम बदला हुआ है।

पहले सभी कक्षाओं में पुस्तकों का नाम एक था

पहले अलग-अलग कक्षाओं में एक ही नाम की पुस्तकें पढ़ाई जाती थी, लेकिन अब उनके नाम बदलकर ऐसे हो गए हैं कि इसी से कक्षा का भी पता चलता है। मुख पृष्ठ बच्चों को लुभाने वाला है। इसी तरह कार्यपुस्तिका का नाम भी बदला गया है। हालांकि जिलों में पुस्तकों के वितरण का काम धीमा है। बेसिक शिक्षा अधिकारी रमेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि बच्चों तक जल्द किताबें पहुंचाने का निर्देश दिया है।

इस तरह बदले नाम

कक्षा : पुराना नाम : नया नाम

दो : कलरव : किसलय

तीन : कलरव : पंखुड़ी

तीन : गिनतारा : अंकों का जादू

चार : कलरव : फुलवारी

चार : गिनतारा : अंक जगत

चार : हमारा परिवेश : पर्यावरण

चार : संस्कृत पीयूषम : संस्कृत सुधा

पांच : कलरव : वाटिका

पांच : गिनतारा : गणित ज्ञान

पांच : हमारा परिवेश : प्रकृति

छह : मंजरी : अक्षरा

सात : मंजरी : दीक्षा

आठ : मंजरी : प्रज्ञा

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