खबरी इंंडिया, गोरखपुर। वैल्यू एडेड कोर्स का उद्देश्य विषयवस्तु के ज्ञान के साथ नागरिकता का बोध कराकर व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास करना है । पेशे और जीवन में सफलता के लिए अनुशासन, समर्पण, कार्य के प्रति कमिट्मेंट,समय प्रबंधन और चरित्र का दृढ़ होना होना चहिए। इसी से सकारात्मक दृष्टिकोण आता है और सफ़लता के लिए सकारात्मक दृष्टिकोण होना बहुत जरूरी है। आपकी सोच जितनी अधिक सकारात्मक होगी आप पर तनाव का दबाव उतना ही कम होगा।
वैज्ञानिकों ने पाया है कि सकारात्मक सोच वाले व्यक्ति हर घटना के उज्ज्वल पक्ष को देख सकने में समर्थ होते हैं। जिससे उन्हें अगर तनाव होता भी है तो वे उसका असर समग्र स्वास्थ्य पर नहीं पड़ने देते। और बेहतर तरीके से मैनेज कर पाते हैं। इसके साथ ही चरित्र निर्माण पर विशेष ध्यान देना होगा। इत्र, मित्र, चित्र और चरित्र किसी परिचय के मोहताज़ नहीं होते, इसका स्वतः प्रकटीकरण होता है।
उक्त वक्तव्य दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग के प्रो. अजय कुमार शुक्ला ने ‘ रोल ऑफ़ पॉजिटिव थिंकिंग एन्ड पॉजिटिव एप्रोच इन पर्सनालिटी डेवलपमेन्ट’ विषय पर बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग द्वारा चलाए जा रहे वैल्यू एडेड कोर्स के एक सत्र में दिया।
अपनी बात आगे बढ़ाते हुए प्रो अजय शुक्ला ने स्वामी विवेकानंद, अटल जी, कलाम साहब आदि विभूतियों को उद्धृत करते हुए दृष्टिकोण और व्यक्तित्व विकास के महत्व पर प्रकाश डाला और कहा कि चित्र ही नहीं चरित्र भी सुंदर हो, भवन ही भावना भी सुंदर हो, साधन ही नहीं साधना भी सुंदर हो, दृष्टि ही नहीं दृष्टिकोण भी सुंदर होना चाहिए, तभी व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास होगा।
कार्यक्रम में विषय प्रवर्तन करते हुए बायोटेक्नोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रो शरद मिश्रा ने कहा कि वैल्यू एडेड कोर्सेज के माध्यम से विद्यार्थियों को अंतर्विषयक ज्ञान के साथ व्यावसयोन्मुखी प्रवृत्ति को भी समझने में मदद मिलती है।
इस दौरान प्रो दिनेश यादव, प्रो राजर्षि गौर एवं अनेक शोधार्थी व विद्यार्थियों की ऑनलाइन उपस्थिति रही।