
मुंबई: मुंबई पुलिस के रिटायर्ड अफसर ने पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं। रिटायर्ड असिस्टेंट कमिश्नर शमशेर खान पठान ने दावा किया है कि 26/11 के आतंकवादी हमले के दौरान तत्कालीन डीआईजी एटीएस परमबीर सिंह ने देश हित के खिलाफ काम किया और दुश्मन देश का साथ दिया।
शमशेर खान ने आरोप लगाया कि परमबीर सिंह ने आतंकवादी अजमल कसाब का फोन जब्त किया और इसे नष्ट कर दिया ताकि यह जांच में कभी सामने न आए। आजतक से बातचीत में खान ने कहा, उन्होंने अपने सहयोगियों से कहा था कि यह वही फोन था, जिस पर कसाब को पाकिस्तान से हमले के दौरान निर्देश मिल रहे थे।
कसाब लश्कर-ए-तैयबा के दस आतंकवादियों में से एक था, जो पाकिस्तान से समुद्री मार्ग से मुंबई आया था। आतंकवादियों ने 26 नवंबर, 2011 को मुंबई में कई जगहों पर हमले किए। इसमें कई लोगों की जान चली गई। कई पुलिसकर्मी भी शहीद हुए। जवाबी कार्रवाई में नौ आतंकवादी मारे गए। कसाब को जिंदा पकड़ा गया। उसे 2012 में मौत की सजा सुनाई गई थी।
मुंबई पुलिस प्रमुख को लिखे पत्र में, पठान ने कहा, 26/11 के आतंकवादी हमलों के दौरान, तत्कालीन डीआईजी एटीएस परम बीर सिंह ने आतंकवादी अजमल कसाब के फोन को जब्त कर लिया। फोन कभी भी जांच या परीक्षण के दौरान पेश नहीं किया गया।
उन्होंने कहा, मैंने इस साल जुलाई में इस बारे में एक पत्र लिखा था। उन्हें (परम बीर सिंह) सबूतों को नष्ट करने के लिए एनआईए द्वारा गिरफ्तार किया जाना चाहिए। उन्होंने इस बरामद सबूत को आईएसआईएस को बेच दिया होगा या फिर जबरन वसूली के लिए जानकारी का इस्तेमाल किया होगा।
परमबीर सिंह के खिलाफ ठाणे कोर्ट से जारी हुआ गैर जमानती वारंट कैंसिल हो गया है। कोर्ट ने इस मामले में दो शर्तें लगाई हैं। लिहाजा उन्हें 50 हजार का पर्सनल बॉन्ड भरना होगा। इसके साथ ही उन्हें जब भी आईओ बुलाया जाए, हाजिर होना पड़ेगा। बता दें कि पैसे की उगाही के मामले में परमबीर सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी हुआ था।
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