
नई दिल्ली: विपक्षी दलों ने सोमवार को भारत-म्यांमार सीमा के पास नागालैंड के मोन जिले में गोलीबारी में 14 नागरिकों और एक सैनिक के मारे जाने के मुद्दे को सदन में उठाया। राज्यसभा में विपक्ष ने कहा गृह मंत्री सिर्फ पीड़ा व्यक्त करके पीछा नहीं छुड़ा सकते।
इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने संसद परिसर में एक बैठक भी की। जिसमें करीब 16 दलों की ओर दोनों सदनों में इस मुद्दे को उठाने की सहमति बनी। इसके साथ ही राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सांसद मनोज झा और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, के सुरेश और गौरव गोगोई ने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया।
वहीं विपक्षी दलों की बैठक के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने नगालैंड में हुई गोलीबारी का जिक्र करते हुए कहा कि “यह अत्यंत गंभीर घटना है और गृह मंत्री को इस पर सदन में बयान देना चाहिए। गृह मंत्री अमित शाह सिर्फ पीड़ा व्यक्त करके नहीं छुड़ा सकते। मोदी सरकार के शासन में, उत्तर-पूर्व में उथल-पुथल में वृद्धि देखी गई है। केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पीड़ितों को न्याय मिले।”
वहीं राज्यसभा में कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने इस मसले पर एक ईमानदार और खुली जांच की मांग करते हुए कहा कि सरकार को संसद में इस घटनाक्रम पर बयान देना चाहिए। यह दुखद और खेदजनक है। ऐसा कभी नहीं होना चाहिए था। लोकतंत्र में यह अस्वीकार्य है।
उन्होंने कहा, बहुत मुश्किल से हमने (यूपीए सरकार ने) इस क्षेत्र में शांति बहाल की है। मुझे उम्मीद है कि सेना द्वारा आश्वासन के अनुसार उच्च स्तरीय जांच की जाएगी और सच्चाई सामने आएगी।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा, नागालैंड की घटना दिल दहला देने वाली है। केंद्र सरकार को इस मसले पर जवाब देना चाहिए। देश में न तो नागरिक और न ही सुरक्षाकर्मी ही सुरक्षित हैं? फिर गृह मंत्रालय क्या कर रहा है?
दूसरी ओर इस मामले पर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है, सरकार को घटना की गहन जांच सुनिश्चित करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी पीड़ितों को न्याय मिले।
इसके साथ ही मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने 14 नागरिकों की निर्मम हत्या की कड़ी निंदा करते हुए पीड़ितों के लिए मुआवजे और न्याय की मांग की।
इसके बाद विपक्ष के इस मामले पर हंगामें के बाद राज्यसभा को दो घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया।
गौरतलब है कि नागालैंड सरकार ने रविवार को मोन जिले में मारे गए 14 लोगों के परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने का एलान किया है। साथ ही सरकार ने घटना की जांच के लिए पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) स्तर के एक अधिकारी की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित करने की भी घोषणा की है।