• October 12, 2024
 अखिलेश यादव और ओमप्रकाश राजभर ने की मुलाकात, हुआ गठबंधन, बोलेओपी राजभर अबकी बार भाजपा साफ

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी ने सोहेल देव भारतीय समाज पार्टी के साथ  गठबंधन किया हैl अब दोनों दल मिलकर एक साथ  उत्तर प्रदेश में विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे।

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यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर सुभासपा और समाजवादी पार्टी का गठबंधन हो गया है। दोनों पार्टियां 2022 में मिलकर चुनाव लड़ेंगी। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने बुधवार को सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव से शिष्टाचार मुलाकात के बाद गठबंधन को लेकर स्थिति को साफ कर दिया। अखिलेश यादव से बातचीत के दौरान ओपी राजभर ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दलितों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के साथ सभी वर्गों को धोखा देने वाली भाजपा सरकार के केवल चार दिन बचे हैं। उन्होंने नारा दिया कि अबकी बार, भाजपा साफ। वहीं समाजवादी पार्टी ने सुभासपा से गठबंधन करने के बाद कहा कि सपा और सुभासपा साथ आए हैं।

यूपी चुनाव से पहले काफी लंबे समय से BJP के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले (सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी) सुभासपा अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर अब समाजवादी पार्टी के साथ आ गए हैं। समाजवादी पार्टी ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है।

सपा ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर अखिलेश यादव और ओम प्रकाश राजभर की तस्वीर भी पोस्ट की है। समाजवादी पार्टी ने ट्विटर पर लिखा, वंचितों, शोषितों, पिछड़ों, दलितों, महिलाओं, किसानों, नौजवानों, हर कमजोर वर्ग की लड़ाई समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी मिलकर लड़ेंगे।

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने ट्वीट कर लिखा अबकी बार, भाजपा साफ। समाजवादी पार्टी और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी मिलकर आए साथ। दलितों, पिछड़ों अल्पसंख्यकों के साथ सभी वर्गों को धोखा देने वाली भाजपा सरकार के दिन हैं बचे चार। पूर्व मुख्यमंत्री व सपा के सुप्रीमो अखिलेश यादव से शिष्टाचार मुलाकात की

 पूर्वांचल की कई सीटों पर बदल सकता है समीकरण

दोनों पार्टियों के मिलकर लड़ने का बड़ा असर पूर्वांचल की सीटों पर देखने को मिल सकता है। यहां दो दर्जन से ज्यादा सीटों का समीकरण बदल सकता है। ओमप्रकाश राजभर की पार्टी सुभासपा लगभग दो दशक से चुनावी मैदान में उतर रही है। हमेशा ही राजभर ने छोटे दलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था। इसके कारण कभी किसी सीट पर जीत नहीं मिली। पिछले चुनाव में ओमप्रकाश ने भाजपा के साथ गठबंधन किया और पूर्वांचल की आठ सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे। इनमें चार सीटों पर सुभासपा ने जीत भी हासिल की थी। अन्य चार सीटों पर भी कड़ा मुकाबला किया था।

यूपी के पिछड़े खासकर राजभर समाज में अच्छा खासा प्रभाव रखने वाले ओमप्रकाश राजभर ने अपनी पार्टी का गठन 27 अक्टूबर 2002 को किया था। 15 साल बाद पहली बार पार्टी ने 2017 के चुनाव में कोई सीट जीती थी। ओमप्रकाश राजभर की मानें तो 100 सीटों पर राजभर समाज के वोट हार जीत तय करने की क्षमता रखते हैं। इनमें वाराणसी की पांच, आजमगढ़ की 10, जौनपुर की 9, बलिया की 7, देवरिया की 7 और मऊ की चार सीटों पर राजभर वोटरों की अच्छी तादाद है। राजभर की मानें तो यूपी की 66 सीटों पर 40 से 80 हजार और 56 सीटों पर 25 से 39 हजार तक राजभर वोट हैं।

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