• March 17, 2025
 ऑनलाइन शॉपिंग ने छीनी बाजारों  की रौनक, करोड़ों रुपये की हर साल लगती है चपत

विनीत राय, गोरखपुर।

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त्योहारी सीजन में खासकर दिवाली की खरीद बिक्री से हमेशा चहकने वाला कारोबारी इस बार ई कामर्स व्यापार यानी ऑनलाइन खरीदारी से चिड़चिड़ा सा हो रहा है। उसे महसूस हो रहा है कि ऑनलाइन शॉपिंग धीरे धीरे एकाधिकार जमा रही है। मतलब रिटेल व्यापार का बड़ा हक उसके हिस्से में जा रहा है। आंकड़े भी यही बताते हैं।

बाजारों पर चढ़ने वाले रंग को एप पर टिका मार्केट फीका कर रहा है। ऑनलाइन शॉपिंग को बाजार के लिए नुकसानदेह बताने वाले जानकारों का कहना है कि गोरखपुर और आसपास के जिलों में करीब 55 फीसद की हिस्सेदारी ऑनलाइन कारोबार ने छीन लिया। महज मोबाइल ट्रेडिंग की बात करें तो इस पूरे महीने ई कामर्स के जरिए 25 करोड़ के आसपास ऑनलाइन खरीदारी हुई जबकि खुदरा कारोबारियों ने पंद्रह करोड़ का आंकड़ा भी बमुश्किल पार किया। इधर पांच दिनों में दुकानों पर पांच करोड़ का माल बिका तो ई कामर्स कंपनियों ने 15 करोड़ की सप्लाई की। इसी से दूसरे ट्रेंड का अंदाजा लग जाता है। कमाई की छिनती हिस्सेदारी शहर के कारोबारियों को परेशान कर रही है।

कारोबारियों का कहना है कि रिटेल और ऑनलाइन शॉपिंग में 40 और 60 फीसद की हिस्सेदारी हो गई है। ई कामर्स का एकाधिकार इसलिए बढ़ रहा है कि दुकानदार भी ऑनलाइन के ऑफर को बुक कर माल मंगा ले रहे हैं। वह खुद ई कामर्स के कारोबार में जुट गया है। कम कीमत में सप्लाई के साथ छूट का ऑफर, कैश बैक और बैंकों के जरिए मिलने वाले लाभ को वह अपने हिस्से में कैश करा रहा है। घरेलू सामान से लेकर दवाओं तक यहां तक की इलेक्ट्रानिक्स के बड़े सामान और फर्नीचर की बुकिंग भी ऑनलाइन हो रही है।

व्यापारियों का मानना है कि इससे छोटे बाजार और इलाकों के दुकानदारों के लिए इस स्थिति में व्यापार करना मुश्किल हो रहा है। आज खुदरा व्यापार करने वालों को भारी नुकसान हो रहा है।

व्यापारियों का रोना

● रिटेल की 40 तो ऑनलाइन की साठ फीसदी हो रही कमाई

● मोबाइल ट्रेडिंग में बाजार में 15 तो ई कामर्स में 25 करोड़

● त्योहारी सीजन की आधी रौनक छीन ले गई ई कामर्स कंपनियां

कोरोना काल में आया उछाल, महिलाओं और विद्यार्थियों का बढ़ा रुझान

सभी मानते हैं कि ऑनलाइन शॉपिंग में उछाल कोरोना काल के दौरान ज्यादा आया है। घर में बैठे लोग मोबाइल सर्च कर एप से जुड़ते रहे। खासकर महिलाओं और छात्र-छात्राओं में बढ़ते रुझान से इस कारोबार को और बढ़ा दिया। फायदे के सौदे के साथ यह स्टेटस सिंबल और प्रचलन की तरह देखा जाने लगा।

कई नई कंपनियों ने रखा कदम

अमेजन, फिल्पकार्ट, मिंत्रा, मिशो, गोफर्स, टाटा क्लिक, स्नैप डील, नेडमेड आदि कंपनियों ने ऑनलाइन बाजार में अपना सिक्का जमा लिया है। प्रयागराज के बाजार में इसी महीने बिग बास्केट ने एंट्री की है। घेरलू सामान की खरीद के लिए महिलाएं यहां बुकिंक कर रही हैं।

ऑफर, कैश बैक, क्रेडिट कार्ड से पेमेंट पर अलग इनाम

ऑनलाइन खरीदारी हर तरह से फायदे का सौदा साबित होने लगी। कंपनियों से निकला सामान तमाम टैक्स से बचता हुआ डायरेक्ट हाथों में पहुंचा तो दाम कम देने पड़े। इसी में कैश बैक का ऑफर, खरीद पर कूपन, बैंकों के क्रेडिट कार्ड पर बुकिंग से अलग से छूट। कपड़े खरीदने पर चश्मे, कास्मेटिक्स या फिर खाने-पीने के सामानों के बाउचर इस कारोबार को बढ़ावा दे रहे हैं। बच्चों में इसका अलग क्रेज है, कई सामान की बुकिंग कर वह कूपन के जरिए अपने मतलब की चीजें मंगाने लगते हैं।

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