गोरखपुर. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 7 दिसम्बर को गोरखपुर दौरे पर प्रदेशवासियों को विकास की एक बड़ी सौगात देंगे. पीएम मोदी गोरखपुर एम्स का लोकार्पण करेंगे. इसके साथ एस्स में 300 बेड का हॉस्पिटल मरीजों की सेवा के लिए शुरू हो जाएगा. जनवरी महीने में 450 बेड और उसके बाद पूरी तरह से 750 बेड का अस्पताल संचालित होगा. इस अस्पताल के शुरू होने से पूर्वांचल के साथ पश्चिम बिहार और नेपाल के लोगों को बड़ा फायदा मिलेगा.
दिसम्बर में एम्स के लोकार्पण के साथ ही देश के पिछड़े हुए इस हिस्से में अत्याधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने लगेंगी. गौरतलब है कि पीएम मोदी जब भाजपा की तरफ से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे, तब 2014 के चुनावों में उन्होंने पूर्वांचल में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने का वादा किया था. इसके बाद जब वे प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने गोरखपुर में एम्स खोलने की बात कही थी. लेकिन तत्कालीन सपा सरकार ने जमीन को लेकर मामला उलझा दिया था. किसी तरह बात बनी और कूड़ाघाट स्थित गन्ना संस्थान को दूसरी जगह शिफ्ट कर 120 एकड़ में गोरखपुर एम्स बनाने का निर्णय लिया गया. पीएम मोदी ने 22 जुलाई 2016 को गोरखपुर एम्स का शिलान्यास किया था.
भविष्य के लिए हो सकेगी रिसर्च
एम्स के उद्घाटन के साथ साथ यहां पर 200 बेड का रैन बसेरा भी शुरु कर दिया जाएगा. जिससे यहां पर इलाज कराने आने वाले मरीज के परिजनों को कहीं और भटकना न पड़े, बेहद सस्ते दर पर लोगों के ठहरने का इंतजाम यहां पर होगा. सभी जांच भी सस्ते दर पर एम्स परिसर में ही होंगी. गोरखपुर जिले के चार PHC पर एम्स के डॉक्टर अपनी सेवाएं सप्ताह में एक से दो दिन दे रहे हैं. डुमरीखास, शिवपुर, वनटांगिया और झरना टोला पीएचसी पर यहां के डॉक्टर बैठते हैं. इसके अलावा अगले सत्र से एम्स में नर्सिंग कॉलेज की भी शुरूआत हो जाएगी. साथ ही आने वाले दिनों में यहां पर आयुष विंग की भी शुरुआत होगी, जहां पर इलाज के साथ साथ रिसर्च की भी सुविधा होगी.
ओपीडी में खास सुविधा
2017 के चुनावों में प्रदेश में योगी के नेतृत्व में सरकार बन गयी. जिसके बाद यहां पर काम तेजी से होने लगा. और इसी का नतीजा रहा कि 24 फरवरी 2019 को पीएम मोदी ने एम्स में ओपीडी की शुरुआत करवा दी. पहले आयुष भवन की बिल्डिंग में ओपीडी शुरू हुई, उसके बाद मुख्य बिल्डिंग में शिफ्ट हुई. जिसके बाद से अभी तक 7 लाख से अधिक मरीजों को ओपीडी में देखा जा चुका है. इसके अलावा तीन माह पूर्व ऑपरेशन थिएटर भी शुरु हुआ था, जिसमें अब तक दौ सौ से ज्यादा ऑपरेशन हो चुके हैं.
कोविड के दौरान यहां वैक्सीनेशन का भी काम हुआ और यहां करीब डेढ़ लाख लोगों को वैक्सीन लगाई गई. एम्स के उद्घाटन के साथ ही यहां 35 बेड का इमरजेंसी वार्ड भी शुरु होगा, जिससे लोगों को तत्काल चिकित्सा सुविधा मिल पाएगी. इसके अलावा यहां 14 जनरल और 12 स्पेशल ओपीडी होगी. वर्तमान में अपॉइंटमेंट आॅनलाइन माध्यम से हो रहे हैं ताकि लोगों को लम्बी लाइन में लगकर नम्बर ना लगवाना पड़े. इसके अलावा यहां 16 आॅपरेशन थिएटर बनाए गए हैं.
अनुभवी डॉक्टर्स की टीम
बेहतर सुविधा के लिए एम्स में अनुभवी लोगों को शामिल किया जा रहा है. 83 नई फैकेल्टी जॉइन कर चुकी है, जिसमें से 50 जूनियर और 50 सीनियर डॉक्टर्स हैं. साथ ही 165 से अधिक पैरामेडिकल स्टाफ की भर्ती हो चुकी है और अभी भी लगातार भर्ती प्रक्रिया चल रही है. इसी के साथ यहां पर पढ़ाई की भी शुरुआत हो चुकी है. 2019 के पहले बैच में MBBS के 50 छात्र 2020 में MBBS 125 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, साथ ही आने वाले दिनों में यहां पर MD और DM सहित अन्य स्पेशलिस्ट कोर्स की भी शुरुआत होगी.