
नई दिल्ली। भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने जैवलिन थ्रो में विजयी होकर टोक्यो ओलंपिक खेलों में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया है।
नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलम्पिक के 16वें दिन जैवलिन थ्रो में जोरदार प्रदर्शन करते हुए 87.58 मीटर का भाला फेंकते हुए दिग्गजों को पछाड़ते हुए नया इतिहास कायम किया है। इसके साथ भारत ने टोक्यो ओलम्पिक में पहला स्वर्ण पदक जीत लिया है। इतना ही नहीं भारत के खाते में सातवां मेडल भी आ गया है।
भारत के स्टार जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने फाइनल मुकाबला जीत लिया है. नीरज ने भाला फेंक में देश को मेडल जिताया है. नीरज ने इतिहास रच दिया है. उनका सर्वश्रेष्ठ थ्रो 87.58 मीटर का है. ओलंपिक की व्यक्तिगत स्पर्धा में भारत को 13 साल बाद दूसरा गोल्ड मिला. बीजिंग ओलंपिक 2008 में पहली बार स्वर्ण पदक जीतने का कारनामा दिग्गज शूटर अभिनव बिंद्रा ने किया था. टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत का यह पहला गोल्ड और कुल सातवां पदक है.
नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर, 1997 को हुआ था. वह भाला फेंकने वाले खिलाड़ी हैं. अंजू बॉबी जॉर्ज के बाद किसी विश्व चैम्पियनशिप स्तर पर एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक को जीतने वाले वह दूसरे भारतीय हैं. बायडगोसज्च्ज़, पोलैंड में आयोजित 2016 आइएएएफ U20 विश्व चैंपियनशिप में उन्होंने यह उपलब्धि हासिल की. इस पदक के साथ साथ उन्होंने एक विश्व जूनियर रिकॉर्ड भी स्थापित किया है.
फाइनल के प्रदर्शन पर एक नजर
- पहले प्रयास में 87.03 मीटर फेंका
- दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर फेंका
- तीसरे प्रयास में 76.79 मीटर फेंका
- चौथे प्रयास में फाउल
टोक्यो ओलम्पिक के 16वें दिन जैवलिन थ्रो के फाइनल मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करते हुए अपने पहले प्रयास में नीरज चोपड़ा ने 87.03 मीटर की दूरी का भाला फेंक सबको चौंका डाला है।
नीरज चोपड़ा की शिक्षा के बारे में
नीरज चोपड़ा रोर (क्षत्रिय) समुदाय से हैं. वह हरियाणा के पानीपत जिले के खंडरा गांव से हैं. उनकी शिक्षा डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़ से हुई. 2016 में उन्हें नायब सूबेदार के पद के साथ भारतीय सेना में एक जूनियर कमीशंड अधिकारी नियुक्त किया गया था.
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