• April 27, 2025
 सिर्फ अनाज, फल और सब्जियों की ही नहीं, मसालों की भी करिए प्राकृतिक खेती, होंगे कई फायदे

र्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता प्रभावित हुई है और पर्यावरण पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है. यहीं कारण है कि सरकार का जोर प्राकृतिक खेती पर है. किसान इस विधि से सिर्फ अनाज, फल और सब्जियों की ही नहीं बल्कि मसालों की भी प्राकृतिक खेती कर सकते हैं.

सिर्फ अनाज, फल और सब्जियों की ही नहीं, मसालों की भी करिए प्राकृतिक खेती, होंगे कई फायदे
मसाला फसलों की प्राकृतिक खेती के कई लाभ हैं. (फोटो सोर्स- मसाला बोर्ड)

भारत सरकार प्राकृतिक खेती (Natural Farming) पर जोर दे रही है. किसानों को रसायन मुक्त खेती (Chemical Free Farming) करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. हरित क्रांति के बाद से पैदावार में खूब बढ़ोतरी हुई है, लेकिन उर्वरकों के अंधाधुंध प्रयोग से मिट्टी की उपजाऊ क्षमता प्रभावित हुई है और पर्यावरण पर भी विपरीत प्रभाव पड़ा है. यहीं कारण है कि सरकार का जोर प्राकृतिक खेती पर है. किसान इस विधि से सिर्फ अनाज, फल और सब्जियों की ही नहीं बल्कि मसालों की भी प्राकृतिक खेती कर सकते हैं.

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जीरा, धनिया, अजवाइन, सौंफ, कलौंजी और काली मिर्च जैसी फसलें बीजीय मसाला हैं. किसान अब इन मसाला फसलों की खेती भी प्राकृतिक रूप से कर रहे हैं और बेहतर पैदावार मिल रहा है. हालांकि इन फसलों को कीटों से बचाना बहुत जरूरी है. माहू या एफिड कीट से धनिया, सौंफ, मेथी, जीरा और अजवाइन में लगता है. ये कीट छोटे, मुलायम, हरे-पीले या भूरे-काले रंग के होते हैं.

मसाला फसलों में कीट प्रबंधन है जरूरी

इनके प्रबंधन के लिए समय से फसलों की बुवाई करें और खेतों के पास उगी हुई खर-पतवार को साफ करें. कीटों के अलावा परभक्षी कीटों जैसे लेडी बर्ड बीटल का संरक्षण भी कर सकते हैं. थ्रिप्स का प्रकोप सौंफ में देखा जाता है. ये पीले-भूरे रंग के होते हैं और पत्तियों का रस चूसकर नुकसान करते हैं. इस कीट से ग्रसित पत्तियों पर धब्बे पड़ जाते हैं और बाद में मुड़ जाते हैं.

थ्रिप्स कीट के प्रबंधन के लिए समय-समय पर खरपतवार निकालते रहें. बुवाई से पहले किसानों को बीजोपचार करने की सलाह दी जाती है. जीरे की फसल में माइट का प्रकोप भी होता है. इसके प्रबंधन के लिए अच्छी जल निकास वाली दोमट या बलुई दोमट मिट्टी में बुवाई करनी चाहिए. वहीं जीरे की फसल के साथ सरसों न लगाएं.

जीरा और धनिया पर सफेद मक्खी का प्रकोप भी होता है. बचाव के लिए फसल को खरपतवार मुक्त रखें. पौधशाला को नायलॉन की जाली से ढक भी सकते हैं. इन बातों का ध्यान रख किसान मसाला फसलों से बेहतर पैदावार हासिल कर सकते हैं.

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