नाेएडा। सेक्टर 135 नगली बाजिदपुर गांव स्थित प्राचीन शिव मंदिर में महंत राजू गिरी महाराज के सानिध्य में आयोजित शिव महापुराण कथा में शिव कथा के छठवें दिन कथा व्यास अतुल प्रेम जी ने भगवान शिव द्वारा दुर्दांत दैत्यों का संहार सहित तमाम रोचक प्रसंगों का वर्णन किया। जब असुरों के अनाचार से पृथ्वी और देवताओं में हाहाकार मच गया ।
भगवान शिव की सभी देव आराधना करते हैं तब शिव जी त्रिपुरासुर और शंखचूर्ण नामक तमाम दैत्यों का संहार कर सभी को भयहीन करते हैं।शंखचूर्ण की हड्डियों से शंख बना है इसलिए भगवान शिव की पूजा में शंख से जल अर्पित करना वर्जित है।अन्य प्रसंग में व्यास जी ने बताया कि तुलसी और शालिग्राम को साथ रखना चाहिए जिससे दाम्पत्य जीवन सुखमय रहता है। इनके विग्रह से दाम्पत्य जीवन में कटुता आती है।इसलिए शालिग्राम पर तुलसी दल अर्पित किया जाता है। आयोजन समिति के प्रवक्ता राघवेंद्र दुबे ने बताया कि शिव महापुराण की कथा नित्य 11 बजे से 3 बजे तक हो रही है । कथा का विराम पन्द्रह अगस्त को होगा और सोलह अगस्त को पूर्णाहुति एवं भंडारा होगा। सभी शिव भक्त शिव महापुराण की कथा श्रवण कर पुण्य लाभ अर्जित करें।
इस अवसर पर आयोजन समिति के प्रवक्ता राघवेंद्र दुबे, पंडित लक्ष्मी नारायण शास्त्री, पंडित महेश पाठक शास्त्री,महंत सोमवार गिरी, राम अवतार , शिवव्रत तिवारी, रवि राघव , सुरेंद्र चौहान,सोनपाल चौहान, हीरालाल नेता जी, चौधरी श्याम सुंदर, पंडित संजय शर्मा, राजा मिश्रा,राजा ठाकुर, शुभम, मोहन सहित तमाम लोग मौजूद रहे।