• February 15, 2025
 खतरे के निशान से पार हुई राप्ती, तटवर्ती इलाकों में बाढ़ से डूब सकते हैं सैकड़ों गांव

-आपदा व जिला प्रशासन बाढ़ चौकियों को किया अलर्ट

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-कैंपियरगंज सहजनवां तहसील के 6-6 गांव बाढ़ से प्रभावित सदर के तीन गांव का बाढ़ की पानी से रास्ते पर चढ़ा पानी

गोरखपुर। बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन व आपदा सतर्क बाढ़ चौकियों को किया गया सतर्क। जिले में घाघरा और रोहिन के बाद राप्ती नदी भी खतरे के निशान से ऊपर हो गई है। तटवर्ती इलाकों में तेजी से बढ़ते नदियों के जलस्तर में लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है। 12 गांव जहां बाढ़ से प्रभावित हो गए हैं, सदर तहसील के 3 गांव का रास्ता बाढ़ के पानी से हुआ प्रभावित वहीं शहर के आसपास के तटवर्ती इलाके में भी बाढ़ जैसे हालात हैं। नदियों के किनारे बसे लोगों की झुग्गी झोपड़ी अभी पानी में डूब गई है। गोरखपुर के राजघाट पर भी राप्ती खतरनाक स्तर पर है।
गोरखपुर घाघरा और रोहिणी नदी पहले से ही खतरे के निशान के ऊपर बह रही है। राप्ती नदी 16 अगस्त की शाम 4 बजे खतरे का निशान पार कर गई है। ऐसे में कैंपियरगंज और सहजनवां तहसील के 6-6 गांव बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं। सदर तहसील के तीन गांव में बाढ़ की पानी से रास्ता अवरुद्ध है। हालांकि इन 13 गांव में बाढ़ का पानी तो नहीं घुसा है, लेकिन खेतों में पानी घुसने के कारण फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। वहीं संपर्क मार्ग भी पूरी तरह से डूब गया है। ग्रामीणों की मदद के लिए 7 छोटी-बड़ी नाव को लगाया गया है। और भी नाव भेजी जा रही हैं एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की टीम को भी अलर्ट कर दिया गया है। इसके साथ ही सभी बाढ़ चौकियों को भी अलर्ट पर रखा गया है।

राप्ती खतरे के निशान को पार की 

राप्ती नदी बर्डघाट पर खतरा बिंदु 74.98 मीटर से 0.04 आरएल मीटर ऊपर 75.020 आरएल मीटर पर बह रही है। राप्ती तेजी से बढ़त पर है। रोहिन नदी त्रिमुहानी घाट पर खतरा बिंदु 82.44 आरएल मीटर से 1.11 आरएल मीटर के अंतर 83.550 मीटर बह रही है। कुआनो मुखलिसपुर में खतरा बिंदु 78.65 आरएल मीटर से 1.42 आरएल मीटर नीचे 77.230 मीटर पर बह रही है। घाघरा नदी अयोध्या पुल पर खतरा बिंदु 92.73 मीटर से 0.07 आरएल मीटर अंतर 92.800 पर बह रही है। घाघरा नदी तुर्तीपार में खतरा बिंदु 64.01 मीटर से 0.02 आरएल मीटर के अंतर के साथ 64.210 पर बह रही है। गोर्रा नदी पिण्डारा में खतरा बिंदु 70.50 से 0.05 आरएल मीटर के अंतर 70.000 मीटर पर बह रही है।

मीरपुर निवासी रामकेश यादव ने बताया कि एक तरफ राप्ती नदी का दबाव दूसरी तरफ रोहिणी नदी का दबाव बनता जा रहा है हम लोगों का काम दोनों नदियों के बीच में है अभी हम लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन नदी बढ़ने से पशुओं को दिक्कत हो रहा है राप्ती नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। जंगल कौड़िया ब्लाक अंतर्गत भौरामल सिरसिया अतरौलिया बाढ़ का पानी बढ़ने से संपर्क मार्ग से आवागमन अवरुद्ध हो गया हैं वे लोग राजघाट के किनारे ही झुग्गी-झोपड़ी में रहते हैं। पानी बढ़ने की वजह से उन लोगों का झुग्गी-झोपड़ी डूब गया है। उन लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। आसपास के एरिया में पानी भर गया है। राप्ती नदी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में बाढ़ का खतरा भी बढ़ता जा रहा है।

 

जिला आपदा विशेषज्ञ गौतम गुप्ता ने बताया कि कैम्पियरगंज के 6 गांव बरगदही, मछलीगांव, भौराबारी, चंदीपुर, बुढ़ेली, अलगटपुर रोहिन नदी से प्रभावित हैं। सहजनवां तहसील के छह गांव चकचोहरा, विडार, बनौड़ा, भुवाशहीद, गहीरा, सुथनी आमी और राप्‍ती नदी से प्रभावित हैं। सदर तहसील के भौरामल सिरसिया अतरौलिया का संपर्क मार्ग अवरुद्ध हुआ है 7 छोटी-बड़ी नाव को राहत के लिए लगाया गया है और नाव भेजा जा रहा । प्रभावित गांव में राशन किट का वितरण किया गया है। एनडीआरएफ एसटीआरएफ की टीम को अलर्ट कर दिया गया इसके साथ ही सभी 84 बाढ़ चौकियों को भी चौकन्ना किया गया है।
उन्होंने बताया कि किसी भी तरह की आपात स्थिति से निपटने के लिए जिला प्रशासन और आपदा विभाग पूरी तरह से तैयार है। 24 घंटे निगरानी के लिए कोविड-19 के साथ ही बाढ़ हेल्पडेस्क को भी एक्टिव कर दिया गया है। वर्तमान में कहीं भी खतरे की सूचना नहीं है। 12 प्रभावित गांवों में 7 छोटी-बड़ी नाव लगाई गई है। 12 गांव में संपर्क मार्ग और खेतों में पानी आने की वजह से नाव लगाई गई है। हालांकि अभी किसी भी गांव में पानी नहीं घुसा है।

 

गोरखपुर में हैं यह महत्वपूर्ण बांध
छितरही थुन्नी बांध, राप्ती पर अच्छेडीह कटान के सेमरा नवलपुर तटबंध, राप्ती के खुटभार रिंग बांध, राप्ती पर मझवलिया तटबंध, राप्ती कोठा रकहट बांध, राप्ती के असवनपार गहिराघाट बांध, राप्ती के बरवीरया रिंग मलौनी बांध, राप्ती के गाहासाड़ कोलिया बांध, राप्ती के कनईल मझंगांवा बांध,
गोरखपुर से कई नदियां होकर गुजरती है। जिसमें राप्ती और घाघरा मुख्य नदी है। मगर सहायक नदियां आमी, रोहिन, गोर्रा और कुआनो भी गुजरती है। इन नदियों पर गोरखपुर में करीब 66 बांध बने हैं। जिसमें बोक्टा-बरवार महत्वपूर्ण बांध है। राप्ती नदी पर बना यह बांध शहर के करीब होने के कारण अधिक महत्वपूर्ण और संवेदनशील है। करीब 11.250 किमी लंबा यह बांध दो तहसील को टच करता है। यह बांध सहजनवां तहसील के गाहासाड़ा पुल से शुरू होकर सदर तहसील के राजघाट पुल तक बना है।

36 बांध जर्जर, 42 बांधों के टूटने की आशंका
जिले में 36 स्थानों पर बांध जर्जर स्थिति में पाए गए हैं। 42 स्थान ऐसे हैं जिनमें बांधे के टूटने की आशंका सबसे ज्यादा है। यही वजह है कि नदियों का जलस्तर बढ़ने से पहले बांधों की मरम्मत और उसे सुरक्षित करने में सिंचाई विभाग का बाढ़ खंड जुटा हुआ है। मुख्यमंत्री का गृह जनपद होने और इसे बाढ़ की विभीषिका से बचाने के उद्देश्य से युद्ध स्तर पर काम हो रहा है। कार्य की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रदेश के सिंचाई मंत्री डॉ महेंद्र सिंह ने 5 जून को गोरखपुर पहुंच कर खुद चौरी चौरा, खजनी क्षेत्र के बांधों का निरीक्षण किया। वहीं, बाढ़ बचाव को तेजी के साथ निपटाने का अधिकारियों को निर्देश भी दिया है। 1998 में भी आई बाढ़ के समय बोक्टा-बरवार बांध बरहुआं गांव के पास टूटा था और शहर में भारी तबाही मची थी।

राप्ती बढ़ने से प्रभावित होंगे यह इलाके
राप्ती से डोमिनगढ़, राजघाट, चकला, बहरामपुर, कठउर, ​खिरवनियां, अजवनियां, मंझरियां, लहसड़ी, नदूआ, लालपुर टीकर, मिर्जापुर, बखरियां, नउआ अव्वल, गौर बरसाइत, झंगहा, केरियां, फरसहीं, पिपरी, नौसड़, महेवा, माधोपुर आदि इलाकों की करीब 3 लाख से अधिक की आबादी इससे प्रभावित होगी।

 

रोहिन नदी बढ़ने से प्रभावित होंगे यह इलाके
जबकि रोहिन नदी बढ़ने से बुढेली, सरहरी, बनरहा, सियारामपुर, रामपुर गोपालपुर, बालापार, पीपीगंज, चिलुआताल, रामपुर नयागांव, मखनहां सहित दर्जनों इलाके के करीब 100 से अधिक गांवों की भी 3 लाख से अधिक की आबादी प्रभावित हो सकती है।

 

10 सालों में आई बाढ़ का आंकड़ा

वर्ष प्रभावित लोग
1974 631045
1993 831695
1998 1414790
1999 218876
2000 465179
2001 715010
2007 4.53 लाख
2008 506505
2017 7.53 लाख
2018 6.27 लाख

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