गोरखपुर। गांधी गली स्थित मातृछाया चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा संचालित निराश्रित मानसिक मंदित एवं रुग्ण महिला आश्रयगृह से शनिवार को 18 माह से रह रही कौशल्या को उनके परिजनों को साैंपा गया। परिजनों से मिल कौशल्या के खुशी का ठिकाना नहीं था। परिजनों से आश्रयगृह में केक काटकर कौशल्या का स्वागत किया।
मातृछाया के निदेशक आलोक मणि त्रिपाठी ने बताया कि कौशल्या को 18 महीने पूर्व मातृछाया टीम द्वारा मेडिकल कॉलेज से अत्यंत विक्षिप्तता की अवस्था में रेस्क्यू कर आश्रयगृह लाया गया था। टीम की नियमित काउंसलिंग, पारिवारिक माहौल और चिकित्सा के बाद कौशल्या में सुधार होने लगा और फिर टीम ने कौशल्या के घर का पता लगाया। कौशल्या मूल रुप से बिहार के बेगुसराय जिले की रहने वाली है। पूरी तरह ठीक होने के बाद शनिवार को परिजनों को साैंपा गया। अपर पुलिस महानिदेशक गोरखपुर जोन अखिल कुमार की उपस्थित में सुपुर्दगी और विदाई किया गया। कौशल्या के पिता रामसेवक पंडित ने बताया कि कौशल्या लगभग डेढ़ वर्ष से लापता थी। इस अवसर पर शुभी पाण्डेय,संध्या त्रिपाठी,शिक्षा मणि,अन्नू वर्मा,संतोष मौर्या,प्रियेश मालवीय,धीरेंद्र राय,आसिफ अली सहित अन्य लोग मौजूद थे।
दो दर्जन से अधिक मानसिक विक्षिप्त का आलोक करते हैं देखरेख
आलोक ने बताया कि मातृछाया में इन दिनों दो दर्जन से अधिक महिलाओं के इलाज की व्यवस्था है। जिला स्वास्थ्य विभाग की टीम नियमित निगरानी करती है। इनके खाने पीने और रहने की व्यवस्था के साथ नियमित काउंसलिंग की जाती है। पूरी तरह से ठीक होने के बाद परिजनों से संपर्क कर उन्हें उनके परिजनों को सौंप दिया जाता है।