• March 17, 2025
 पिपराइच सीट से बीजेपी के महेंद्र पाल जीते, समाजवादी पार्टी के अमरेंद्र निषाद को बड़े मार्जिन से दी मात

उत्तर प्रदेश की पिपराइच सीट के नतीजे: पिपराइच से भाजपा के विधायक महेंद्र पाल सिंह जीत गए हैं. उन्होंने 2017 के चुनाव में बसपा प्रत्याशी आफताब आलम उर्फ गुड्डू को हराया था. हालांकि इस बार उन्होंने सपा के उम्मीदवार अमरेंद्र निषाद (Amrendra Nishad) को बड़े मार्जिन से हरा दिया है.

पिपराइच चुनाव परिणाम 2022: गोरखपुर की पिपराइच विधानसभा सीट (Pipraich Assembly Seat) पर भाजपा ने 1991 के बाद 2017 में भगवा लहराया था. इस सीट से भाजपा ने एक बार फिर महेंद्र पाल सिंह (Mahendra Pal Singh) को टिकट दिया. जबकि सपा ने अमरेंद्र निषाद (Amrendra Nishad) को उम्मीदवार बनाया. चुनाव आयोग के मुताबिक, इस सीट से बीजेपी के उम्मीदवार महेंद्र पाल सिंह ने बाजी मार ली है. सिंह ने SP कैंडिडेट निषाद को 65,357 वोटों के मार्जिन से हरा दिया है. महेंद्र पाल को जहां 1,41,780 वोट मिले. वहीं, निषाद के लिए 76,423 मत आए.

08c43bc8-e96b-4f66-a9e1-d7eddc544cc3
345685e0-7355-4d0f-ae5a-080aef6d8bab
5d70d86f-9cf3-4eaf-b04a-05211cf7d3c4
IMG-20240117-WA0007
IMG-20240117-WA0006
IMG-20240117-WA0008
IMG-20240120-WA0039

भाजपा ने महेंद्रपाल को फिर दिया टिकट

पिपराइच से बसपा ने दीपक अग्रवाल को प्रत्याशी बनाया था. इस सीट पर BSP तीसरे स्थान पर रही है. बपसा के पाले में कुल 30,954 (11.98 प्रतिशत) वोट पड़े. पिपराइच (Pipraich Assembly Seat) से भाजपा ने अपने विधायक महेंद्र पाल सिंह (Mahendra Pal Singhपर भरोसा जताया. उन्होंने 2017 के चुनाव में बसपा प्रत्याशी आफताब आलम उर्फ गुड्डू को लगभग 12800 मतों से पराजित कर जीत हासिल की थी. महेंद्र पाल सिंह व्यवसायी हैं और पिपराइच क्षेत्र के जमीन आरा के रहने वाले हैं. पिछड़े वर्ग की सैथवार वर्ग से ताल्लुक रखने वाले महेंद्र पाल सिंह की उनकी बिरादरी में अच्छी पैठ है.

पिपराइच विधानसभा (Pipraich Assembly Seat) निषाद बाहुल्य इलाका है, जो इस विधानसभा के किसी भी प्रत्याशी दिशा व दशा तय करने में निर्णायक रहते हैं. पिपराइच विधानसभा से ही निषाद समुदाय को एकजुट करने वाले स्व. जमुना निषाद ने 2007 में बसपा के चुनाव में जीत का सेहरा बांधा था. उसके बाद से ही यहां की सियासत में निषादों का वर्चस्व बढ़ता गया. जमुना निषाद की मौत के बाद सपा के टिकट पर उनकी पत्नी ने 2012 में चुनाव लड़ा तो यहां से जीत हासिल कर विधानसभा पहुंची. उन्होंने बसपा के उम्मीदवार व पूर्व विधायक जितेन्द्र जयसवाल उर्फ गड्डू भैया को लगभग 35 हजार मतों से शिकस्त दी थी. उसके बाद उन्होंने पति की विरासत को बेटे अमरेंद्र निषाद को सौंप दी.

पिपराइच सीट पर कांटे की टक्कर

2017 के चुनाव में भाजपा ने महेंद्र पाल सिंह, सपा ने निर्वतमान विधायक राजमती निषाद और पूर्व मंत्री जमुना निषाद के बेटे अमरेंद्र निषाद को टिकट दिया. वहीं बसपा ने आफताब आलम को मैदान में उतारा. लेकिन महेंद्र पाल सिंह भाजपा मतों के साथ ही अपनी बिरादरी और निषाद मतों का ध्रुवीकरण करने में कामयाब रहे और आफताब आलम कों लगभग 12800 मतों से पराजित कर दिया. इस बार मैदान में भाजपा प्रत्याशी महेन्द्रपाल सिंह का मुकाबला सपा प्रत्याशी अमरेंद्र निषाद के साथ रहा. अमरेंद्र यदि अपने पिता की तरह निषाद वोटरों को सहजने में कामयाब रहते तो सपा के परंपरागत वोटों की बलौदत जीत का सेहरा बांधने में कामयाबी हासिल कर पाते.

हालांकि महेंद्र पाल सिंह को पिपराइच से सैंथवार वर्ग का समर्थन मिला और निषाद मतों में सेंधमारी करने में कामयाबी मिली. उन्होंने भाजपा के परंपरागत मतों की बदौलत फिर से विधायकी हासिल कर ली. लेकिन यहां बसपा से चुनाव लड़ रहे दीपक अग्रवाल कभी योगी के दाहिने हाथ के रुप में शुमार रहते थे. वह भी सीधी टक्कर दे रहे थे. दीपक अग्रवाल 2002 में हिन्दू महासभा के टिकट पर यहां से चुनाव लड़ चुके हैं. इन्होंने 35 हजार मत पाकर जितेन्द्र जयसवाल से शिकस्त खाई थी.

कुल मतदाता और जातीय समीकरण

पिपराइच विधानसभा (Pipraich Assembly Seat) में कुल वोटरों की संख्या 3,86,284 है. इस सीट पर निषाद समुदाय की संख्या अधिक है. उसके बाद दूसरे नम्बर पर सैंथवार विरादरी काबिज है. अन्य वोटरों में मुस्लिम और दलितों की संख्या भी ठीक-ठाक है

Youtube Videos