
गोरखपुर।
उपनिदेशक कृषि सांख्यिकी एवं फसल बीमा में लखनऊ से आकर मंडल आयुक्त सभागार में संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक कर सुमिता सिंह ने बताया कि कोई भी किसान अपनी खरीफ की फसल का बीमा करा सकता है। बीमा कराने की योजना ऋणी व गैर ऋणी किसानों के लिए अलग-अलग होती थी।
बैंक से ऋण लेकर खेती करने वाले किसानों का बैंक स्वत: ही पैसा काट कर उनकी फसल का बीमा कर देते थे। सरकार ने उन किसानों के लिए भी इसमें छूट दी है। अगर किसान ने अपने खेत में जैसे धान की बिजाई कर रखी है। गलती से दूसरी फसल का बीमा हो गया या करा लिया है। फसल को बदलने की सूचना संबंधित बैंक को अवश्य दे दें। ऐसी स्थिति में बाद में बीमा क्लेम में दिक्कत आती है।प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के किसानों को कई फायदे हैं। फसल का बीमा कराने के बाद किसानों को सूखा बाढ़ आकाशीय बिजली ओलावृष्टि जलभराव प्राकृतिक कारणों से आग प्राकृतिक रोगों से होने वाले नुकसान के लिए बीमा का मुआवजा दिया जाता है। नुकसान होने पर 72 घंटे के भीतर किसान को संबंधित बैंक को इसकी सूचना देना जरूरी होता है। किसी भी तरह की जानकारी के लिए किसान बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर पर या संबंधित बैंक और कृषि विभाग के अधिकारियों के माध्यम से जानकारी ले सकते हैं। बैठक में प्रभारी अधिकारी सत्यदेव यादव, श्रीप्रकाश शुक्ला, प्रवीण चौधरी, मनीष कुमार त्रिपाठी, भूपेंद्र गुप्ता, विनोद पाठक, संजीव सिंह मौजूद रहे।
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