
कर्नाटक। सत्तारूढ़ भाजपा सरकार कर्नाटक विधानसभा सत्र में विवादास्पद धर्मांतरण विरोधी विधेयक पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है, जो सोमवार को फिर से शुरू होगा। विधेयक के चालू सत्र के अंतिम चरण में पेश किए जाने की संभावना है। 4 मार्च से शुरू हुआ बजट सत्र 30 मार्च तक चलेगा।
धर्मांतरण विरोधी विधेयक अभी तक विधान परिषद के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया है। भाजपा ने इसे बेलगावी में शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन पेश करने का प्रयास किया, हालांकि, विपक्ष ने विधेयक को पहले एजेंडे में लाए बिना इसे परिषद में पेश करने पर कड़ी आपत्ति जताई। भारी ड्रामा देखने के बाद परिषद का सत्र समाप्त हुआ था।
हालांकि, बीजेपी इस बार परिषद में विधेयक पेश करने और पारित कराने के लिए पूरी तरह तैयार है। विधेयक के परिषद में पारित होने की संभावना है। वहीं इस बीच, विपक्षी कांग्रेस और जेडी (एस) राज्य विधानसभा में बजट पर चर्चा के दौरान सरकार पर घेरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
मेकेदातु पदयात्रा पूरी करने वाली कांग्रेस दावा कर रही है कि उसने जलाशय के निर्माण के लिए भाजपा को 1,000 करोड़ रुपये आवंटित करने के लिए मजबूर किया है। विपक्षी दल भाजपा से परियोजना के लिए 5,000 करोड़ रुपये आरक्षित करने की मांग कर रहा है।