रांची , पांच साल तक की उम्र के बच्चों का अगर आधार में एनरोलमेंट नहीं है या फिर राशन कार्ड में नाम दर्ज नहीं है, तब भी आयुष्मान भारत योजना के तहत उनका इलाज किया जाएगा। ऐसे बच्चों का इलाज अब उनके माता-पिता के राशन कार्ड के आधार पर भी किया जा सकेगा। अब तक अधिकतम एक वर्ष की उम्र वाले बच्चों के लिए ही यह सहूलियत दी जाती थी। (एनएचए) के सीईओ डॉ. आर.एस. शर्मा ने यहां बुधवार को यह जानकारी दी।
नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (एनएचए) के सीईओ डॉ. शर्मा ने आयुष्मान भारत योजना के तहत सर्वाधिक क्लेम के मामले में देशभर में तीसरा स्थान हासिल करनेवाले रांची सदर अस्पताल के साथ-साथ रातू स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और रानी चिल्ड्रेन हॉस्पिटल में इस योजना के कार्यान्वयन का जायजा लिया।
उन्होंने रांची सदर हॉस्पिटल प्रबंधन की सराहना करते हुए कहा कि आयुष्मान योजना के तहत जिस तरह यहां ज्यादा से ज्यादा लोगों को लाभ पहुंचाया गया है, उसी तरह का मॉडल देश के दूसरे अस्पतालों में भी लागू कराने का प्रयास होगा। डॉ. शर्मा ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत अभी 5 लाख रुपये तक का चिकित्सकीय लाभ मिल रहा है। इस राशि की सीमा जल्द ही बढ़ायी जाएगी। इसके साथ ही देशभर में आयुष्मान के तहत ज्यादा से ज्यादा अस्पतालों को जोड़ा जाएगा।
उन्होंने यह भी आश्वस्त किया कि अस्पतालों को इलाज के बदले मिलनेवाले पैकेज को और सुविधाजनक एवं तार्किक बनाया जाएगा, ताकि अस्पतालों को भी इस योजना के लाभुकों के इलाज में सहूलियत हो। उन्होंने प्राइवेट हॉस्पिटल के क्लेम का निपटारा कराए जाने और क्लेम के मामले में अच्छे रिकॉर्ड वाले अस्पतालों को ग्रीन चैनल में शामिल किया जाएगा। ऐसे अस्पतालों को क्लेम का दावा करते ही 50 फीसदी भुगतान किया जाएगा। रांची में अस्पतालों के निरीक्षण के दौरान डॉ. शर्मा ने मरीजों से उन्हें मिल रही सुविधाओं के बारे में जानकारी ली।