शुभम सिंह, गोरखपुर।
“पेगेसस एक भयावह जासूसी मालवेयर है जो मूलतः इजरायल की सरकार के लिए एनएसए कम्पनी द्वारा बनाया गया है।इसे किसी भी फोन पर इस तरह लगाया जा सकता है कि फोन के मालिक को पता ही नहीं चले कि उसके स्मार्ट फोन का हर उपकरण किसी और द्वारा पूरी तरह नियंत्रित हो चुका है।
यह उपकरण इतना महंगा है कि इसे सामान्यतः कोई आदमी तो छोड़ कारपोरेट हाउस भी खरीदने से पहले सौ बार सोचेगा।उदाहरण के लिए सऊदी अरब से ही इस कम्पनी का करार पांच करोड़ पचास लाख डॉलर का है।दस आईफ़ोनों को हैक करने के लिए इस स्पाई वेयर की कीमत छह लाख पचास हजार डॉलर है और अनुमान है कि दुनिया भर में पचास हजार फोनों को इससे निगरानी की जा रही है।
जहाँ तक सबूत नजर आ रहे हैं भारत सरकार ने भी पेगासस स्पाइवेयर खरीदा है और उन हर सम्भव लोगों की जो सत्ता के लिए किसी भी तरह चुनौती हो सकते हैं,की जासूसी के लिए इस्तेमाल किया है।लगभग तीन सौ करोड़ की लागत का यह हथियार देश भर में सौ से ज्यादा लोगों पर जासूसी करने के लिए इस्तेमाल किया गया।
कहने की जरूरत नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी और उनके सहयोगी लोकतंत्र के आधारभूत मूल्यों को नजरअंदाज कर रहे हैं।लोकतंत्र में बहुमत का अहंकार अंततः पतन की ओर ले जाता है।भारत जैसे विशाल देश को अलोकतांत्रिक तरीके से नियंत्रित करने की कोशिश करना आत्मघाती साबित हो सकता है।
लोकतंत्र की विशेषता ही यह है कि वह सत्ता से जुड़ी हिंसा और अस्थिरता को ही लगभग निर्मूल कर देता है।दूसरे शब्दों में लोकतंत्र,राजाओं और राजवंशों को बचाने की व्यवस्था नहीं है बल्कि उन मूल्यों को बचाने की जिनका उद्देश्य वृहत्तर सामाजिक हित होता है।
सरकार जिस तरह से आयकर विभाग,पुलिस व जासूसी एजेंसियों का इस्तेमाल कर रही है वह उसकी लोकतांत्रित मूल्यों व नियमों की अनदेखी करने का उदाहरण है।