
- 7 साल से गोरखपुर जेल में बंद था जर्मन कैदी
- अब भारत-जर्मनी प्रत्यपर्ण संधि के तहत अपने देश काटेगा सजा
नशीले पदार्थ की तस्करी के आरोप में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जेल में 10 साल की सजा काट रहा जर्मन कैदी बैरेंड मैनफ्रेंड मंगलवार को जर्मनी जाने के लिए गोरखपुर जेल से रवाना हुआ। गोरखपुर पुलिस की टीम उसे दिल्ली लेकर जाएगी। वहां दूतावास के माध्यम से जर्मन पुलिस को सौंप दिया जाएगा। 12 अगस्त को दिल्ली से जर्मनी के लिए उसकी फ्लाइट है।
2014 में महराजगंज पुलिस ने किया था गिरफ्तार
जर्मनी जाने के साथ ही भारत-जर्मन प्रत्यपर्ण संधि के तहत यह पहला कैदी होगा जो अपनी बची हुई सजा अब अपने देश में ही काटेगा। करीब सात साल बाद वह अपने देश जाएगा। जर्मनी के सजसेन निवासी बैरेंड मैनफ्रेंड को नशीले पदार्थ के साथ भारत-नेपाल सीमा पर अक्टूबर 2014 में महराजगंज पुलिस ने गिरफ्तार किया था। एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज कर उसे कोर्ट में पेश किया गया था, जहां से उसे महराजगंज जेल भेजा गया था।
2015 में गोरखपुर जेल में शिफ्ट हुआ था मैनफ्रेंड
प्रशासनिक आधार पर अक्टूबर 2015 में बैरेंड मैनफ्रेंड को गोरखपुर मंडलीय कारागार में ट्रांसफर कर दिया गया। यहीं पर रहते हुए 20 दिसम्बर 2018 को जिला कोर्ट ने उसे 10 साल कारावास और एक लाख रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई थी। बैरेंड मैनफ्रेंड अब तक छह साल दस महीने की सजा काट चुका है। बची हुई सजा यानी तीन साल दो महीने की सजा अब अब जर्मनी के जेल में काटेगा।
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