• January 25, 2025
 न्यू एनर्जी के दम पर अगले 20 वर्षों में भारत बनेगा सुपरपॉवर- मुकेश अंबानी

• दो दशकों में 20 से 30 एनर्जी कंपनियां बन सकती है रिलायंस जितनी बड़ी
• ग्रीन एनर्जी का निर्यात 20 वर्षों में आधा ट्रिलियन डॉलर हो सकता है

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खबरी इंंडिया, नई दिल्ली: रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा कि अगले दो दशकों में भारत न्यू एनर्जी के दम पर ग्लोबल पॉवर का दर्जा हासिल कर लेगा। अंबानी 23 से 25 फरवरी तक चलने वाली “एशियन इकोनॉमिक डायलॉग 2022” को संबोधित कर रहे थे। पुणे इंटरनेशनल सेंटर के प्रेसीडेंट रघुनाथ माशेलकर से बातचीत के दौरान मुकेश अंबानी ने कहा कि अगले दो दशकों में 20 से 30 भारतीय एनर्जी कंपनिया रिलायंस जितनी बड़े होने का दम रखती हैं।

अंबानी ने कहा कि “न्यू एनर्जी में दुनिया का निर्धारण एक बार फिर से करने की ताकत है। जैसे जब लकड़ी को कोयले में बदला गया तब यूरोप ने भारत और चीन को पीछे छोड़ दिया था। उसी तरह तेल से अमेरिका और पश्चिम एशिया के देश कहीं आगे निकल गए। अब भारत का वक्त है जब भारत ग्रीन और क्लीन एनर्जी में आत्मनिर्भर होगा उसका निर्यात करेगा, तो भारत को एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने से कोई नही रोक सकता। ग्रीन एनर्जी से भारत न सिर्फ ग्लोबल पॉवर बनेगा बल्कि रोजगार भी पैदा करेगा। फॉरेन एक्सचेंज की भी बचत होगी “

प्रधानमंत्री के विजन का जिक्र करते हुए मुकेश अंबानी ने कहा कि श्री मोदी न्यू व क्लीन एनर्जी के बहुत बड़े समर्थक हैं। भारत ग्रीन एनर्जी एक्सपोर्ट करेगा इसमें मुझे कोई शक नही क्योंकि सरकार ने न्यू एनर्जी के लिए अपने दरवाजे खोल दिए है। ऐसी नीतियां लाई गई है जो इसे सपोर्ट करती हैं। जिस तरह भारत आईटी सेक्टर का सुपर पॉवर है वैसे ही भारत रिन्यएबल एनर्जी का भी वर्ल्ड लीडर बनेगा। अगले 20 वर्षों में भारत से क्लीन और ग्रीन एनर्जी का निर्यात आधा ट्रिलियन डॉलर होने की संभावना है। भारत रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में निवेश के लिए भारत दुनिया का सबसे पंसदीदा देश है।

दो दशकों में 20 से 30 एनर्जी कंपनियां बन सकती है रिलायंस जितनी बड़ी

पुणे इंटरनेशनल सेंटर के प्रेसीडेंट रघुनाथ माशेलकर से बातचीत के दौरान मुकेश अंबानी ने कहा कि अगले दो दशकों में 20 से 30 भारतीय एनर्जी कंपनिया रिलायंस जितनी बड़े होने का दम रखती हैं। अंबानी ने कहा, “न्यू एनर्जी में दुनिया का निर्धारण एक बार फिर से करने की ताकत है। जैसे जब लकड़ी को कोयले में बदला गया तब यूरोप ने भारत और चीन को पीछे छोड़ दिया था। उसी तरह तेल में अमेरिका और पश्चिम एशिया के देश कहीं आगे निकल गए। अब भारत का वक्त है जब भारत ग्रीन और क्लीन एनर्जी में आत्मनिर्भर होगा, उसका निर्यात करेगा, तो भारत को एक वैश्विक शक्ति के रूप में उभरने से कोई नही रोक सकता।”

20 सालों में आधा ट्रिलियन डॉलर हो सकता है ग्रीन एनर्जी का निर्यात

मुकेश अंबानी ने कहा, “अगले 20 वर्षों में भारत से क्लीन और ग्रीन एनर्जी का निर्यात आधा ट्रिलियन डॉलर होने की संभावना है। भारत रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में निवेश के लिए दुनिया का सबसे पंसदीदा देश है।”

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