• September 13, 2024
 हरियाली तीज पवित्र प्रेम और पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक

? धरती पर हरियाली और परिवार में खुशहाली के लिये नारी शक्ति का अद्भुत योगदान-पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती

08c43bc8-e96b-4f66-a9e1-d7eddc544cc3
345685e0-7355-4d0f-ae5a-080aef6d8bab
5d70d86f-9cf3-4eaf-b04a-05211cf7d3c4
IMG-20240117-WA0007
IMG-20240117-WA0006
IMG-20240117-WA0008
IMG-20240120-WA0039

ऋषिकेश। हरियाली तीज के पावन अवसर पर सभी माताओं-बहनों को हरियाली तीज की शुभकामनायें देेते हुये परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती  ने अपने संदेश में कहा कि धरती पर हरियाली और परिवार में खुशहाली के लिये नारी शक्ति का अद्भुत योगदान है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि ‘हरियाली तीज’ हरियाली संर्वद्धन का प्रतीक है। महिलायें, प्राकृतिक संसाधनों के प्रबंधन, संरक्षण और संवर्द्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं और इसी संदेश के साथ आने वाली पीढ़ियों को पोषित करना जरूरी है।
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि पवित्र श्रावण माह पर्यावरण संरक्षण, प्रार्थना और प्रेम का प्रतीक है। यह माह भगवान शिव को समर्पित है। साधना, पूजा और प्रार्थना को समर्पित है। वहीं दूसरी ओर श्रावण माह उमंग और उत्साह का भी प्रतीक है। मातायें श्रावण माह की तीज को परिवार की सुख-समृद्धि के लिये हरियाली तीज का उत्सव मनाती है। इस माह में प्रकृति अपने पूर्ण यौवन में रहती है; धरती की गोद में नवांकुर आते हैं और धरती के इस सौन्दर्य को हरियाली तीज चार चांद लगा देती है।
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि वर्तमान समय में चारों ओर प्रदूषण बढ़ रहा है वायु की गुणवत्ता में गिरावट आ रही है जो सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिये चिंता का विषय है। वायु की गुणवत्ता में कमी हो रही है जिससे घुटन बढ़ती जा रही है। कोविड-19 के समय हम सभी ने इसे काफी पास से अनुभव किया है इस हेतु भारी मात्रा में वृक्षारोपण किया जाना आवश्यक है। शोधकर्त्ताओं द्वारा किये गए अध्ययन में स्पष्ट हुआ है कि प्रदूषण से केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि वृक्षों की सेहत भी प्रभावित हो रही है इसलिये पर्व और त्यौहारों के अवसर पर संकल्प लें कि एकल उपयोग प्लास्टिक का उपयोग नहीं करेंगे तथा पर्वो को वृक्षारोपण से जोडेंगे यही हरियाली तीज का पावन संदेश है।
हरियाली तीज पर महिलायें अपने पति की लंबी आयु की कामना करती हैं। श्रावण माह के शुक्लपक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनायी जाती है। हिन्दू धर्म ग्रंथों एवं पौराणिक कथाओं के अनुसार हरियाली तीज के शुभ अवसर पर देवी पार्वती जी ने भगवान शिव का वरण किया था इसलिये आज के दिन सुहागिन महिलायें हरे वस्त्र, हरी चुनरी और हर श्रृृंगार करके झूला झूलती हैं। यह हरा रंग प्रकृति की प्यारी सी चुनरी है। महिलायें अपने श्रृृंगार के साथ प्रकृति का श्रृृंगार करने हेतु आगे आयें और उसे हरा-भरा बनायें रखें।

Youtube Videos