डीएम, डीएफओ ,हेरिटेज फाउंडेशन ट्रस्टी मौजूद
खबरी इंडिया, गोरखपुर।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को गोरखनाथ मंदिर में गोरखपुर वन प्रभाग एवं हेरिटेज फाउडेशन ट्रस्ट द्वारा निर्मित इको टूरिज्म पर कॉफी टेबिल बुक ‘गोरक्षनगरी’ का लोकार्पण डीएम विजय किरण आनंद, डीएफओ विकास यादव, हेरिटेज फाउंडेशन के ट्रस्टी नरेंद्र मिश्र, मनीष चौबे के मौजूदगी में किया।
इको टूरिज्म पर कॉफी टेबल बुक उत्तर प्रदेश में स्पिरिचुअल टूरिज्म हेरिटेज टूरिज्म और इको टूरिज्म के क्षेत्र में विकास और रोजगार की अपार संभावनाएं है । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कोशिशों से सिर्फ 5 साल में आज उत्तर प्रदेश देशी पर्यटकों के मामले में देश में प्रथम है । विदेशी पर्यटकों के लिए देश में दूसरे स्थान पर है । मुख्यमंत्री के दिशा निर्देश पर कर्नाटक के बाद पहली बार उत्तर प्रदेश मे इको टूरिज्म का बोर्ड बनाने का भी काम चल रहा है । मुख्यमंत्री की विशेष रूचि से गोरखपुर इको टूरिज्म को हब बनने की ओर अग्रसर है इटूरिज्म के विकास के लिए कराये गये कार्य इस प्रकार है विशाल नैसर्गिक रामगढ़ झील का कायाकल्प – रामगढ़ झील में इंटरनेशनल वॉटर स्पोर्टस कॉम्पलेक्स की स्थापना – शहीद अशफाक उल्ला खाँ प्राणि उद्यान की स्थापना – राप्ती नदी पर राजघाट का निर्माण – गोरखपुर मन्दिर में साउंड एंड लाइट शो के साथ पर्यटन संवर्धन योजना के मद्देनजर अध्यात्मिक दृष्टि से प्रतिष्ठित बुढ़िया माता मन्दिर तरकुलहा देवी मन्दिर मानसरोवर मन्दिर लेहडा देवी मन्दिर का सौन्दर्यीकरण – जिले के ऐतिहासिक स्थलों चौरी – चौरा शहीद स्मारक तरकुलहा शहीद बंधू सिंह स्मारक जिला जेल स्थित अमर शहीद पंडित रामप्रसाद बिस्मिल स्मारक का हेरिटेज टूरिस्ट प्लेस के रूप में विकास गोरखपुर के इको टूरिज्म पर वृत्त चित्रों का लोकार्पण गोरखपुर सोहगीबरवा इको टूरिज्म सर्किट का ड्राई रन आदि इसी क्रम में गोरखपुर वन प्रभाग में किंग वल्चर का देश का पहला गिद्ध संरक्षण व प्रजनन केन्द्र की स्थापना चिलुआताल का सौन्दर्यीकरण वन ग्रामों में स्टे होम की योजना नगर वन योजना आदि का कार्य प्रगति पर है । सरकार की इको टूरिज्म को बढ़ावा देने की इन्ही कोशिशों का संकलन गोरखपुर वन प्रभाग और हेरिटेज फाउंडेशन पहली बार इको टूरिज्म कॉफी टेबल बुक के रूप में लेकर आया है गोरखपुर वन प्रभाग में आने वाले सभी दर्शनीय स्थलो को उनकी संक्षिप्त जानकारियों के साथ प्रकाशित किया है तथा क्षेत्र के पक्षियों की जानकारी भी है इस इको टूरिजम बुक से स्थानीय वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफरों को मंच भी मिला है तथा पर्यावरण वन एवं वन्यजीव के प्रति जागरूकता को भी बढ़ावा दिया जा रहा है।