• March 27, 2025

● विटनेस प्रोटक्शन स्कीम के तहत यूपी के सभी जिले दे रहे प्रस्ताव

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● जघन्य अपराधों में वादी की सुरक्षा के लिए जारी किया गया है बजट

● कई कप्तान ने गवाहों के घर सीसी कैमरा लगवाने का दिया है प्रस्ताव

गोरखपुर | 

झंगहा के सुगहा गांव निवासी राघवेन्द्र यादव ने जनवरी 2016 में चाचा-भतीजा को गोलियों से भून दिया था। तब उसने कहा था कि जब तक वह पूरे परिवार की जान नहीं ले लेगा, पुलिस के हाथ नहीं आएगा। उसके बाद उसने 10 अप्रैल 2018 को रिटायर्ड दरोगा जयहिंद और उनके बेटे नागेन्द्र की हत्या की। ये दोनों पहले हुईं दो हत्याओ के मुकदमे की तारीख से लौट रहे थे। चार हत्या के करने के बाद भी पुलिस उसकी परछाई तक नहीं छू पाई है।

गगहा में दस रुपये को लेकर सन्नी और टिक्का सिंह ने कन्हैया के परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी थी। जून 2020 में जब वह जमानत पर बाहर आया तो उसने हत्याकांड के वादी कन्हैया को धमकाना शुरू कर दिया। वह अपने केस में सुलह की कोशिश में लग गया। तब कन्हैया को पूर्व बसपा नेता रितेश व शंभू मौर्या का साथ मिला। दोनों ने अधिकारियों से सुरक्षा की गुहार लगानी शुरू कर दी। इससे नाराज सन्नी ने पहले रितेश व फिर शंभू मौर्या की जान ले ली।

इन मुख्य बिंदुओं पर खर्च होगा पैसा

हत्या, रेप, डकैती जैसे जघन्य अपराधों में शामिल अपराधी अक्सर गवाहों को धमकाकर या फिर कोर्ट की तारीख में गवाही के दौरान पेश होने से रोक कर खुद को बचा लेते हैं। इससे उन्हें अपराध करने का फिर बल मिलता है और आम जनता में उनका भय भी कायम हो जाता है। इस भय को खत्म करने के साथ ही वादी/गवाहों की सुरक्षा के लिए यूपी सरकार ने विटनेस प्रोटक्शन स्कीम के तहत बजट जारी किया है। अब इस बजट को प्रदेश के सभी जिलों में उनके पुलिस कप्तानों की डिमांड के अनुसार बांटने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए शासन ने सभी जिले के पुलिस कप्तानों से गवाहों की सुरक्षा के लिए प्रस्ताव के साथ ही उस पर खर्च होने वाले बजट का डिमांड प्रस्ताव मांगा है। गोरखपुर पुलिस ने 42 लाख रुपये के बजट की मांग की है।

यूपी के अलग-अलग जिलों में गवाहों की सुरक्षा के लिए पुलिस अफसरों ने अलग-अलग तरीके बताए हैं। कुछ जिलों के पुलिस कप्तानों ने गंभीर अपराधों के वादी/गवाह के घर सीसी कैमरा लगवाने के लिए बजट मांगा है। वहीं उनके आने-जाने की सुरक्षा का भी ध्यान दिया है। ज्यादातर ने कोर्ट में पेशी के दौरान सुरक्षा को प्राथमिकता तो दी ही है, इस दौरान पेशी वाले स्थल के पास रहने और खाने के लिए भी बजट की डिमांड की है। हालांकि, गोरखपुर पुलिस की तरफ से इस मद में सिर्फ दो गाड़ियां और पूरे एक साल के लिए उन गाड़ियों में तेल के हिसाब से 42 लाख रुपये के बजट की डिमांड की गई है। इन गाड़ियों से पुलिस की सुरक्षा में गवाहों की कोर्ट में पेशी कराएंगे। दोनों गाड़ियां विटनेस प्रोटक्शन के रूप में ही काम करेंगी।

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