
गोरखपुर, रसायन उत्पादन के लिए अनेक टावर बने हैं, लेकिन गोरखपुर के प्रिलिंग टॉवर’ की बात कुछ और है। दुनिया भर में जितने भी यूरिया खाद के कारखाने बने हैं उनमें हिन्दुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) द्वारा गोरखपुर में बनाए जा रहे खाद कारखाने का प्रिलिंग टॉवर सबसे ऊंचा है।
यह विश्व में किसी भी खाद कारखाने का सबसे ऊंचा प्रिलिंग टॉवर है। तुलनात्मक विश्लेषण करें तो यह कुतुब मीनार से भी दोगुना ऊंचा है। कुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर है। जबकि इसकी 149.5 मीटर है।
रसायन विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रिलिंग टॉवर की ऊंचाई उर्वरक की गुणवत्ता का पैमाना होती है। ऊंचाई जितनी अधिक होगी, उर्वरक उतनी क्वालिटी वाला होगा। विशेषज्ञों की मानें तो यूरिया प्लांट में टॉवर की ऊंचाई हवा की औसत रफ्तार के बाद तय की जाती है। इसके लिए एचयूआरएल की टीम ने करीब महीने भर हवा की रफ्तार को लेकर सर्वे किया था।
गोरखपुर खाद कारखाना के 149.5 मीटर ऊंचे प्रिलिंग टॉवर में यूरिया निर्माण से संबंधित तरल पदार्थों को दूसरे यूनिट से पाइप लाइन के माध्यम से लाकर ऊंचाई से गिराया जाएगा। इसके बाद वह धीरे-धीरे नीचे आते हुए टॉवर के अंदर के तापमान की वजह से छोटे-छोटे यूरिया के दानों में बदल जाएगा।
22 जुलाई 2016 को गोरखपुर में एचयूआरएल के खाद कारखाने का शिलान्यास कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संघर्ष को परिणामजन्य बनाया था। करीब 600 एकड़ में 8603 करोड़ रुपये की लागत से अब यह खाद कारखाना तमाम खूबियों के साथ बनकर तैयार है। ऐसी ही खासियत यहां बने प्रिलिंग टॉवर की है। इसकी ऊंचाई 149.2 मीटर है जो पूरे विश्व में अबतक की सर्वाधिक ऊंचाई वाला प्रिलिंग टॉवर है। तुलनात्मक विश्लेषण करें तो यह कुतुब मीनार से भी दोगुना ऊंचा है। कुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर है।
एचयूआरएल के सीनियर मैनेजर सुबोध दीक्षित ने बताया कि सबसे ऊंचे प्रिलिंग टॉवर से बेस्ट क्वालिटी की यूरिया का उत्पादन गोरखपुर के खाद कारखाना में होगा। गोरखपुर खाद कारखाने के प्रिलिंग टॉवर की ऊंचाई कुतुबमिनार से दोगुने से भी अधिक है। कुतुबमीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर (237.8 फीट) है जबकि प्रिलिंग टॉवर की ऊंचाई 149.5 मीटर (490.36 फीट) है।
कुतुब मीनार से दोगुना ऊंचा है प्रिलिंग टॉवर
HURL के प्रिलिंग टॉवर की ऊंचाई कुतुब मीनार से दोगुनी ज्यादा है। यह विश्व में खाद कारखाने का सबसे ऊंचा प्रिलिंग टॉवर है। करीब 600 एकड़ में खाद कारखाना बनकर तैयार है। इसकी ऊंचाई 149.2 मीटर है। जबकि कुतुब मीनार की ऊंचाई 72.5 मीटर है।
PM का मिनट-टू-मिनट प्रोग्राम
- पीएम मोदी सुबह 11.05 बजे IAF BB से दिल्ली एयरपोर्ट से प्रस्थान करेंगे।
- अपराह्न 12.25 बजे पीएम मोदी का गोरखपुर एयरपोर्ट पर आगमन होगा।
- गोरखपुर एयरपोर्ट से पीएम 12.30 बजे गोरखपुर खाद कारखाना (HURL) के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर से प्रस्थान करेंगे।
- अपराह्न 12.50 बजे प्रधानमंत्री मोदी खाद कारखाना (HURL) के हेलीपैड पर लैंड करेंगे।
- दोपहर 1 बजे से 2.15 बजे तक- HURL फर्टिलाइजर प्लांट, AIIMS गोरखपुर सहित अन्य परियोजनाओं के लोकार्पण कार्यक्रम में पीएम मोदी शामिल होंगे।
- इस दौरान पीएम मोदी यहां एक विशाल जनसभा को भी संबोधित करेंगे।
- दोपहर 2.20 बजे पीएम कार्यक्रम स्थल से हेलीपैड के लिए प्रस्थान करेंगे।
- पीएम मोदी दोपहर 2.30 बजे HURL हेलीपैड से गोरखपुर एयरपोर्ट के लिए प्रस्थान करेंगे।
- पीएम मोदी का 2.50 बजे गोरखपुर एयरपोर्ट पर आगमन होगा।
- वायुसेना के विमान से पीएम मोदी 2.55 बजे दिल्ली के लिए रवाना हो जाएंगे।
- शाम 4.15 बजे पीएम मोदी दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचेंगे।
उन्हंोंने बताया कि विश्व के किसी भी फर्टिलाइजर कारखानें सबसे ऊॅंचा है। जितना ऊॅंचा रहेगा उतनी ही अच्छी यूरिया तैयार होगा। एचयूआरएल की तरफ से कार्यदायी कंपनी टोयो इंजीनियरिंग जापान-इंडिया ने प्रीलिंग टावर की ऊंचाई सर्वाधिक रखी। प्रीलिंग टावर की ऊंचाई जितनी अधिक होती है, यूरिया के दाने उतने छोटे व गुणवत्तायुक्त बनते हैं। इस उत्पादन से देश की खाद मामले में आयात पर निर्भरता काफी कम हो जाएगी।
विषेषज्ञों ने बताया कि गोरखपुर खाद कारखाने का प्रिलिंग टॉवर ऊंचा होने की वजह से इसमें 0.2 एमएम के दाने बनेंगे। दानों का आकार छोटा होने से वे मिट्टी में तेजी से घुलेंगे और उसका असर भी जल्द पड़ेगा। प्राकृतिक गैस आधारित यहां के प्लांट में प्रतिवर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन होगा।
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